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टीबी व नशा मुक्ति जागरूकता अभियान, वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य

पलवल, 26 जून(सौरभ वर्मा): पलवल सिविल अस्पताल में टीबी व नशा मुक्ति को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला चिकित्सा अधिकारी प्रदीप शर्मा ने उपस्थित जन को जागरूक करते हुए कहा कि टीबी एक जानलेवा बीमारी है। प्रदेश सरकार ने टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत लोगों को टीबी की बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

 

पत्रकारों से बात करते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा कि टीबी एक जान लेवा बीमारी है। टीबी सांस के माध्यम से एक मरीज से दूसरे मरीज तक पहुंच जाती है। टीबी का एक मरीज के सम्पर्क में आने से लगभग 20 मरीज इस बीमारी का शिकार हो जाते है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज संभव है। वर्ष 2025 तक भारत देश से टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।

हरियाणा सरकार ने टीबी की बीमारी के लिए एक अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत टीबी के मरीजों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि टीबी की समय पर जांच हो जाने टीबी के मरीज का पता चल जाता है। सरकारी अस्पताल में टीबी का इलाज निशुल्क किया जाता है। सही समय पर उपचार करने पर मरीज टीबी की बीमारी से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्रदीप शर्मा ने कहा कि नशा मुक्ति दिवस पर लोगों को नशा से होने वाली बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे युवा नशा के प्रति अधिक आकर्षित है। युवाओं को नशा से बचाने की जरूरत है। युवा शुरूआत में जरूर ना कहें। एक बार नशा करने पर नशा पूरे जीवन में झुल जाता है। युवाओं,बुजुर्गो और महिलाओं को नशा से बचना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नशा से बचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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