16 जून(नवल सिंह): कहते है भारत को विविधताओं में अलग-अलग परंपराओं और धर्मों से जुड़ा देश कहा जाता है। जहां पर सभी धर्मों को बराबर सम्मान मिलने के साथ समाज के हर वर्ग को एक बराबर दर्जा प्राप्त है। इसी देश में गंगा जमुनी तहजीब की एक ऐसी विरासत रही है जिसने सदियों से देश के लोगों को एक दूसरे से जोड़ रखा है। इसी भाईचारे की मिसाल दी सिख समाज ने टोहाना में एक सराहनीय पहल करते हुए। सिख समाज के लोगों ने मुस्लीम समाज के लोगों का रोजा खुलवाने के लिए टोहाना तूर नगर स्थित गुरूद्वारा में एक कार्यक्रम आयोजित कर मुस्लीम समाज के लोगों का फलाहार से रोजा खुलवाकर समाज में भाईचारे का संदेश दिया।
गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान कुलविन्द्र सिंह का इस बारे में कहना है कि समाज में जात पात के नाम पर फैली नफरत को समाप्त करने के लिए यह एक प्रयास किया गया है जो भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होने कहा कि इतिहास गवाह है कि हरीमंदिर साहब की नीव भी एक मुस्लीम संत मिआ मीर जी द्वारा रखी गई थी। सिख गुरूओं ने सदेव भाईचारें को बढ़ाने का संदेश दिया है। उन्ही के बताए रास्ते पर चलकर नफरत को मिटाने व भाईचारें को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। गुरूओं ने फरमाया है कि मनुष्य की कोई जाती नही होती है यह सब मनुष्य का बनाया हुआ है।
इस दौरन मुस्लीम समाज से सुफियान खान ने बताया कि लंबे समय से समाज में हिन्दू मुस्लीम का जहर घोला गया है उसे समाप्त करने के लिए सिख समाज दोनो समुदाए के लोगों द्वारा एक प्रयास किया गया है। आज यंहा आकर खुशी हुई है। हम सिख समाज के लोगों को धन्यवाद करना चाहेंगें कि आपसी भाईचारें को बढ़ाने के लिए सहरानीय कदम उठाया गया है। हमारी तरफ से भी प्रयास रहेगा कि सभी समाज के लोग मिलजुल कर रहे व आपसी भाईचारा कायम रहे है।