7 जून(जितेंद्र मोंगा):एनपीसीएल के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को लेकर आंदोलनरत किसानों से किए गए वादों को पूरा न किए जाने के बाद एक बार फिर से ग्रामीण लामबंद होने शुरू हो गए हैं। गांव की पंचायत आज डीसी से मिली और मांगपत्र सौंपकर 2012 में हुई मीटिंग में मानी गई मांगों को तुरंत पूरा किए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि परमाणु संयंत्र के लिए गोरखपुर क्षेत्र में 1313 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसको लेकर ग्रामीणों ने 365 दिन धरना देकर इसका विरोध किया, मगर बाद में तत्कालीन डीसी एमएल कौशिक व एनपीसीएल अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की मीटिंग हुई। जिसमें गांव में गौशाला बनाने, सीवरेज बनाने, पार्क, हस्तपाल, जेबीटी सेंटर बनाने सहित 27 मांगों पर सहमति बनी थी। आरोप है कि 2012 के बाद अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जब भी अधिकारियों से इन मांगों को लेकर मिलते हैं तो वे हर मांग पर कहते हैं कि क्या जरूरत है इन्हें बनाने की। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन वादाखिलाफी कर रही है। वादा करके अब कहते हैं कि क्या जरूरत है। जिसको लेकर लोगों में रोष है। गांवो के लोगो की ओर से जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया और चेतावनी दी गई है कि अगर एनपीसीएल अपनी किए वायदो को पूरा नही करती तो ग्रामीण दोबारा से आंदोलन करने को मजबूर होगें।
गौरतलब है कि गांव गोरखपुर की 1300 एकड के करीब भूमि मे कें्रद सरकार की ओर से परमाणु संयत्र लगाया जा रहा है। जो कि कांग्रेस के शासन काल मे शुरू हुआ था। किसानो की ओर से शुरूआती चरण मे इस प्लांट का विरोध किया गया था और धरने दिए गए थे। जिसके बाद एनपीसीएल की ओर से किसानो की 23 मांगो को माना गया था जब जाकर किसानो की ओर से जमीन दी गई थी। लेकिन अब किसानो का कहना है कि उनकी मांगो को पूरा नही किया जा रहा हैं।