यमुनानगर, 25 मई(वीना) । यमुनानगर में खनन माफिया द्वारा गांव साबापुर के लोगों पर किए गए हमले के बाद पुलिस ने लगभग 15 घंटे के बाद खनन माफिया के गुंडो के खिलाफ मामला दर्ज तो किया, लेकिन वहीँ स्टोन क्रेशर मालिकों के सचिवालय में आने के बाद क्रेशर मालिकों की शिकायत पर उन ग्रामिणों के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया, जिनकी खनन माफिया ने पीटाई की थी। इतना ही है, इन ग्रामिणों पर पुलिस ने अवैध वसूली व रास्ता रोके जाने का मामला भी दर्ज किया है। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने आज सचिवालय में पहुंच कर पुलिस के खिलाफ जमकर भडास निकाली।
गांव के लोग सचिवालय में पहुंचे यहाँ उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को इस पूरे मामले में जिम्मेदार ठहराया।
गांव के लोगों के अनुसार एक तरफ तो पुलिस ने गांव के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है लेकिन वही गांव के लोगों को अब दूसरे गांव में जाकर अपने ही खेतों में ट्रैक्टर ले जाने पर भी रोक लगा दी है। आरोप है कि बीबीपुर गांव के लोगों ने अब साबापुर के गांव के लोगो के खेतो में जाने पर रोक लगा दी है और यह सब कुछ सरकार ही करवा रही है। जबकि जो कुछ हुआ वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। लेकिन उस मामले में पुलिस तो कोई कार्यवाही नही कर रही। उल्टा पुलिस दबाव में आकर गांव के लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज करने में जुटी हुई है। ऐसे में पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांव के लोगों ने आरोपियों पर उचित कार्यवाही करने की बात कही। जिस पर जिला प्रशासन ने उन्हे आश्वासन तो दिया, लेकिन गांव के लोग उस आश्वासन से संतुष्ट नही हुए और लघु सचिवालय में वह लोग बैठ गए बाद में पुलिस के समझाने पर यह लोग सचिवालय से हटे। पर सवाल ये उठता है कि यहाँ तो जिसके हाथ लाठी है भैंस भी उसी की है और यही हो रहा है गांव साबापुर के निवासियों के साथ।