Sunday , 24 November 2024

टीकाकरण राष्ट्रीय अभियान: 2020 तक मीजल्स का उन्मुलन और रुबेला को नियंत्रित करना

प्रदेश में जारी मीजल्स(खसरा)और रूबेला (जर्मन खसरा) टीकाकरण राष्ट्रीय अभियान के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भर्मित किया जा रहा है। लोगों में फैली इन भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को इस टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए सिविल सर्जन डा. गोबिंद गुप्ता ने सिरसा स्थानीय नागरिक हस्पताल स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। टीकाकरण के लिए फैलाई जा रही अफवाहों को गलत ठहराते हुए डा. गोबिंद गुप्ता ने इन भ्राँतियों को आधारहीन और तथ्यहीन बताया। उन्होंने पत्रकारों के माध्यम से लोगों से अपील की कि फैलाई जा रही भ्रांतियों की ओर ध्यान न देकर सभी अभिभावक अपने बच्चों को एम.आर. टीकाकरण करवाएं। इन टीकों से बच्चे पर शारीरिक तौर पर किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

सिविल सर्जन ने बताया कि इस अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है और इस अभियान के तहत अबतक एक लाख 36 हजार 77 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। यह अभियान 25 अप्रैल से शुरु किया गया था और यह जून के प्रथम माह तक चलेगा। अभियान के दौरान 3 लाख 37 हजार 637 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 तक मीजल्स का उन्मुलन करना तथा रुबेला को नियंत्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, स्लम बस्तियों, हाई रिस्क ऐरिया व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी 9 माह से 15 वर्ष तक का बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए।

प्रधान आई.एम.ए. डा. आर.एम. अरोड़ा, ईएनटी चिकित्सक डा. ममता, डा. श्वेता व डा. कपिल ने भी बताया कि उन्होंने भी अपने बच्चों को एमआर का टीका लगवाया है इससे बच्चे के शरीर पर किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव पड़ता बल्कि बच्चे भविष्य में होने वाली अनेक बीमारियों से सुरक्षित रहते है। इसलिए बच्चों को ये टीके लगवाना जरुरी व स्वास्थ्य के दृष्टिगत अतिआवश्यक है। उन्होंने भी अभिभावकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान के तहत अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाएं और ऐसी भ्रांति फैलाने वालों की ओर किसी प्रकार का ध्यान न दें क्यों कि ऐसे असामाजिक तत्व समाज के लिए हितैषी नहीं हो सकते।

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