डेरा सच्चा सौदा में एक बार फिर से गतिविधियां बढने लगी है हांलाकि डेरा प्रमुख राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा होने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कुछ दिनों के लिए डेरा की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी बावजूद उसके डेरा में 2018 के जनवरी व अप्रेल महीने में ही दो बार बडे बडे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन की अनुमति के बिना डेरा ने दो बार कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों की संख्या में भीड बुलाकर एक बार फिर से सरकार व प्रशासन को चुनौती दे दी है। डेरा विरोधी डेरा की गतिविधियों के दोबारा से शुरू होने को लेकर विरोध जता रहे है।
माना जा रहा है कि राम रहीम की मां नसीब कौर को डेरा की गददी सौंपी जा सकती है जिसको लेकर नसीब कौर पिछले काफी समय से डेरा के प्रत्येक कार्यक्रम में हिस्सा भी ले रही है। डेरा विरोधियों का कहना है कि डेरा से जुडे जितने भी संस्थान है सरकार उनको अपने अधीन लें।
डेरा विरोधी अंशुल छत्रपति ने कहा कि नसीब कौर ने अपने बेटे राम रहीम की करतूतों पर काफी सालों तक पर्दा डाला हुआ था। उन्हेंने कहा कि राम रहीम की करतूतों के बारे में उसकी मां नसीब कौर भी जानती थी। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन की अनुमति के बिना डेरा में कार्यक्रम का आयोजन होना सरकार व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि आसाराम के जेल में जाने के बाद राजस्थान सरकार व पुलिस ने उसके आश्रम को अपने कब्जे में ले लिया था ठीक उसी तरह हरियाणा सरकार को भी राम रहीम के आश्रम को अपने कब्जे में लेना चाहिए था।
लेखराज ढोट ने कहा कि डेरा में बढ रही गतिविधियां पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है क्योंकि डेरा से जुडे अनेक मामलों में हाईकोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है।