सिरसा के गांव मोजूखेडा में 4 साल की बच्ची के साथ उसकी दादी द्वारा क्ररूरता करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपी दादी को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी दादी पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं दूसरी तरफ आरोपी पक्ष के वकील ने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है।
दरअसल ये मामला जुलाई 2017 का हैं, सिरसा के गांव मोजूखेडा निवासी कमला रानी ने अपनी पोती के प्राईवेट पार्टस को चिमटों से जला दिया। इस घटना के बाद बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। मामला जिला बाल सरंक्षण विभाग के पास पहुंचा और उन्होंने बच्ची को अपने कब्जे में लेकर सिरसा के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। उसके बाद आरोपी दादी के खिलाफ बच्ची की हत्या के प्रयास सहित अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी गुरप्रीत कौर ने बताया कि सुचना के आधार पर जाँच के बाद मामले की पुष्टि होने पर पहले बच्ची का रेस्क्यू कर उसका इलाज़ करवाया और पुलिस में भी शिकायत दी गई।
सरकारी वकील राजेश ढुल ने बताया कि बच्ची के प्राईवेट पार्टस को चिमटे से दागने के मामले में कोर्ट ने आरोपी दादी कमला को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उसे 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।