सिरसा जिला के गांव अबूबशहर के सुधीर बिश्नोई को एक कत्ल मामले में सजा का समय पूरा होने के बावजूद जेल प्रशासन विदाई देने को तैयार नहीं है। सुधीर ने अपनी रिहाई को लेकर महामहिम राज्यपाल,पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस,मुख्यमंत्री व जेल विभाग के मंत्रालय को पत्र लिखा मगर आज तक स्थिति वहीँ की वहीं हुई है। पैरोल पर आए सुधीर ने सिरसा में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हर रोज वह तिल तिल मर रहा है इससे अच्छा तो उसे फांसी पर लटका दिया जाए तो बेहतर होगा।
सुधीर ने बताया कि गांव के बलदेव राज नामक व्यक्ति की 04 फरवरी 2004 को हुई हत्या में उसे माननीय न्यायालय ने 23 दिसम्बर 2006 को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। जब उसने दस साल सजा काट ली तो राज्य सरकार की एक पॉलिसी के अनुसार 4 साल की माफी के तहत वर्ष 2013 में जेल से रिहा किया जाना था। इसकी प्रक्रिया जेल विभाग ने पूरी कर राज्य सरकार को भेजी मगर सियासी दबाव के चलते उसकी रिहाई को रोकते हुए 4 साल ओर सजा काटने के आदेश जारी कर दिए गए। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ उसे वर्ष 2014 में माननीय न्यायालय में अपील दायर की जिस पर सरकार गोलमाल जबाव देकर माननीय न्यायालय को गुमराह कर रही है।
सुधीर ने बताया कि वह अपनी रिहाई को लेकर हरयिाणा के जेल विभाग के मंत्री कृष्ण पंवार से व्यक्तिगत तौर पर गुहार लगा चुका है मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। उसने बताया कि हरियाणा के इतिहास में संभवत: वह पहला व्यक्ति है जिसने निर्धारित सजा से अधिक समय तक सजा भुगतने के बाद भी जेल की सलाखों से बाहर नहीं आ सका है। सुधीर ने राज्य सरकार,मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है।