15 अप्रैल को रोहतक के टिटौली गांव के खेतों में 6-7 साल की बच्ची का शव मिला था, जोकि बुरी हालत में था। फोरेंसिक जांच में शव को करीब एक सप्ताह पुराना बताया गया था। इसके बाद शव को पीजीआई रोहतक भिजवा दिया गया। डाक्टरों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद विसरा को जांच के लिए मधुबन लैब भिजवा दिया गया। पोस्टमार्टम में बच्ची के साथ किसी प्रकार के रेप की पुष्टि नहीं हुई।
इसके बाद सोनीपत के मानवाधिकार मामलों के वकील मोमिन वकील ने रोहतक कोर्ट में याचिका दायर कर बच्ची का दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। बुधवार सुबह करीब 10 बजे एसीजेएम हरीश गोयल की अदालत ने मोमिन मलिक की अर्जी को खारिज कर दिया था। पुलिस ने करीब 2 बजे ऑर्डर की कापी मिलते ही उसने 3 बजे बच्ची का अंतिम संस्कार करवा दिया। इस बीच मोमिन मलिक एडीएसजे अश्वनी कुमार की अदालत में दोबारा पोस्टमार्टम की अपील दायर कर चुके थे। कोर्ट ने 4 बजे शव के अंतिम संस्कार पर रोक लगाकर वीरवार को सुनवाई तय की। यह आदेश पुलिस के पास सायं 5 बजे पहुंचे, लेकिन पुलिस ने 3 बजे ही बच्ची का अंतिम संस्कार करा दिया।
वीरवार को रोहतक कोर्ट में मामले की दोबारा सुनवाई हुई। जिसमें जानकारी मिली कि कोर्ट की रोक के बावजूद पुलिस ने बच्ची का अंतिम संस्कार करा दिया है। इस पर कोर्ट ने एसपी व केस के जांच अधिकारी से जवाब मांगा और अगली तारीख 30 अप्रैल निर्धारित कर दी।