इन दिनों ए टी एम बंद होने और कैश की कमी की खबरें चर्चा में हैं लेकिन करंसी की यह कमी महज चंद दिनों की है। क्यूंकि इन दिनों मंडियों में गेंहू की फसल की आवक जोरों पर है। ऐसे में मण्डी के व्यापारी किसानों को उनकी गेंहू का भुगतान कर रहे है। जो रकम कई हजार करोड़ बनती है। अकेले कुरुक्षेत्र जिले में ही 10 अनाज मंडियों में किसानों को करीब 15 हजार करोड़ रूपये की पेमेंट होनी है। ऐसे में हरियाणा , पंजाब , मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , बिहार ओर राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में कितनी रकम किसानों को गेंहू की मिलेगी अंदाजा लगाया जा सकता है।
करंसी की किल्लत सिर्फ कुछ दिनों की है जो जल्द ही खत्म हो जाएगी। जब किसान मंडियों से लिए गये पैसे को बाज़ार में चलाएगा। फ़िलहाल मंडियों से अपनी फसल की पेमेंट किसान ले रहा है। उल्लेखनीय है की गेंहू की सरकारी खरीद के कारण किसान को उसकी फसल का पैसा मण्डी में फसल पहुँचाने के साथ ही मिल जाता है। ऐसे में करंसी की किल्लत हो रही है। हालाँकि सरकार मण्डी व्यापारियों और किसानों को ऑन लाइन पेमेंट करने की सलाह देती है। लेकिन किसान आज भी नगद राशी को प्राथमिकता देते हैं। क्यूंकि बैंक जाकर, पैसे जमा करवाने और निकलवाने को अधिकांश किसान आज भी झंझट मानते हैं।