चंडीगढ़, 18 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने बुधवार को यहां इनेलो-बसपा गठबंधन के एलान पर तंज कसते हुए कहा कि अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर यह बेमेल विवाह हुआ है।
गठबंधन के ऐलान के तुरन्त बाद बराला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इनेलो वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन ही बसपा से गठबंधन तोडकर यह साबित कर चुकी है कि वे मन से कभी एक नहीं हो सकते। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि एक समय था, जब चौधरी देवीलाल तीसरे मोर्चे की धुरी होते थे, लेकिन आज उनके वारिसों ने इनेलो को रसातल में पहुंचा कर ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि उन्हें बसपा अध्यक्षा की अगुवाई में अपनी पार्टी को जिंदा रखने की कोशिश करनी पड रही है। अक्षय तृतीया को शुभ दिन मानकर निर्णय लिए जाते हैं, लेकिन दो पार्टियां जिनकी राजनीतिक इच्छाशक्ति खत्म हो चुकी है और अपना वजूद बचाए रखने के लिए एक-दूसरे का सहारा बनने की कोशिश कर रही हैं।
बराला ने कहा कि इनेलो ने वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करते हुए नारा दिया था कि रखकर पत्थर छाती पर, मोहर लगाओ हाथी पर। लेकिन मतदान के दिन की शाम को ही इनेलो ने बसपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था। आज फिर से बसपा के साथ गठबंधन करके इनेलो ने केवल अपने कार्यकर्ताओं को पलायन से रोकने का प्रयास भर किया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब चौधरी देवीलाल तीसरे मोर्चे की अगुवाई करते थे, लेकिन अब उनके वारिस इनेलो को संगठनात्मक तरीके से रसातल में पहुंचा चुके हैं और बसपा अध्यक्षा मायावती के नेतृत्व में आगे बढने के मंसूबे पाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से भाजपा के नेतृत्व में बदलाव का दौर शुरू हुआ था, जो लगातार जारी है। इस बदलाव में बडे-बडे राजनीतिक दल हाशिए पर जा रहे हैं। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अब तक जितने भी गठबंधन हुए हैं, वे नाकाम रहे हैं और भविष्य में भी नाकाम होंगे। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राजनीतिक सौदेबाजी का उदाहरण है,जिससे जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला है।