चंडीगढ़, 7 अप्रैल: आपने खाने-पीने के लंगर के बारे में तो आमतौर पर सुना होगा और भारत में जगह जगह खाने पीने के लंगर लगते रहते हैं लेकिन आज हम जिस लंगर के बारे में बात करने जा रहे है वो एक अनोखा लंगर है जोकि दुनिया में अपनी तरह का पहला ऐसा लंगर है और वो है ”आंखों का लंगर है”जो चंडीगढ़ सेक्टर- 18 में लगाया गया है जहां आंखों की विभिन्न बीमारियों के इलाज तथा ऑपरेशन बिल्कुल मुफ्त किए जाते हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग रोज आकर अपनी आंखों की ज्योति को सुरक्षित करते हैं और इस सहूलियत का फायदा उठा रहे हैं। देश के विभिन्न कोणों से मरीज आकर यहां इलाज करा रहे हैं और बिना किसी धर्म जाति को देखें उनका इलाज यहां मुफ्त किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि उनके आने जाने का खर्चा और रहने का इंतजाम भी इस लंगर की तरफ से किया जा रहा है।
यहाँ करोड़ों रुपए की लगी आधुनिक मशीनों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है और आज जम्मू कश्मीर से तकरीबन 35 मुस्लिम परिवार के मरीज इस अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आए जिनका पहले माला डाल कर स्वागत किया गया।
गुरु का लंगर को शुरू करने वाले हरजीत सिंह सब्बरवाल ने बताया कि आज से तकरीबन 2 महीने पहले उन्हें ईश्वर की तरफ से यह प्रेरणा मिली और उन्होंने गुरुद्वारा साहब में यह ऐलान कर दिया की आंखों के इलाज के लिए हम हस्पताल शुरू करने जा रहे हैं जिसमें सारा इलाज मुफ्त होगा। विदेशों में रहने वाले लोगों ने मेरे इस अलार्म को बहुत सराहा और मुझे काफी आर्थिक मदद मिली जिससे हमने कुछ आधुनिक मशीनें खरीदकर सेक्टर 18 के हस्पताल में लगाई और नया आंखों का यूनिट शुरू किया 2 महीने में ही तकरीबन 700 मरीज पूरे भारत से हमारे पास आते हैं जिनके रहने खाने-पीने और इलाज का प्रबंध हम बिल्कुल मुफ्त करते हैं।