एक नंदी यानि बैल के मरने पर स्थनीय लोगों ने नंदी की शव यात्रा निकली वो भी ढोल और नगाड़ों के साथ। मामला फतेहाबाद का है जहां एक नंदी मोहल्ले में घूमता था अचानक बीमार होने के कारण उसकी मौत हो गई तो महोल्ले वालों ने उसे दफनाने के लिए ननदी की शव यात्रा निकली वो भी बैंड बाजे के साथ। लोगों का कहना है कि बेजुबान जानवरों के प्रति भी हमें इंसानियत दिखानी चाहिए।
स्थानीय लोगों ने नंदी की शव यात्रा ढोल नगाड़ों के साथ निकाली और कुछ तो झूमते भी नजर आए।
दरअसल पिछल कई शालों से डीएसपी रोड व जवाहर चौक पर एक नंदी रह रहा था। दुकानदारों के पास सुबह सवेरे पहुंच जाता। दुकानदार भी उन्हें गुड़ खिलाते थे। इसलिए दुकानदारों को इस बेजुबान से प्यार बढ़ गया। शुक्रवार सुबह इस नंदी की मौत हो गई। जब दुकानदारों को पता चला था सभी इकटठा हो गए। दुकानदार सुरेश वर्मा ने बताया कि सुबह उन्हें सूचना मिली कि उनके यहां पर रहने वाला नंदी की मौत हो गई। जिस पर सभी दुकानदार इकट्ठा हो गए और इसको दफनाने का मन बनाया। सबसे पहले तीन चार बैंड बाजे वाले को बुलाया गया ताकि आस पास के लोग इकट्ठा हो चुके। बैंड बाजे की धुन पर लोग नाच रहे थे। वहीं मृतक नंदी के शरीर पर कपना के साथ फूल भी डाले गए। जिस तरह कई समाज के लोग जब बुजुर्ग की मौत हो जाती है तो खुशी मनाने के साथ उसकी शव यात्रा को फूले से सजाते है। ठीक उसी प्रकार इस यात्रा को अदभूत बनाया गया। यह नंदी हर रोज दुकानदारों के पास पहुंच था। कोई इसे गुड़ खिलाता तो कोई उसे रोटी। यही कारण था कि दुकानदारों में प्रेम था। दुकानदार बताते है कि आज भी हमारे जिले में नंदी शहर में घूमते रहते है। इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि इन नंदियों की देखभाल के लिए कुछ दान करना चाहिए ताकि इन्हें नंदीशाला में रखा जा सके।