हर प्राइवेट स्कूल में हर क्लास के कमरे पूरे साजोसज्जा और सुविधाओं से लबरेज होते हैं लेकिन यही सुख-सुविधा कभी सरकारी स्कूलों में देखने को नहीं मिलती। जहां सरकार अपनी तरफ से शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च करती है वहां यह स्कूल कभी निजी स्कूलों को टक्कर देते नहीं दिखते हैं, लेकिन ऊना के चताड़ा स्थित सरकारी स्कूल के 4 प्राइमरी विंग के शिक्षकों ने मेहनत करके यहां ऐसा क्लासरूम तैयार किया है जोकि न केवल मनमोहक है बल्कि निजी स्कूलों को भी टक्कर देता दिखता है।
शिक्षकों के इस जज्बे की हर कहीं तारीफ होने लगी है। स्कूल के प्राइमरी विंग में इस सत्र से नर्सरी कक्षा का आगाज किया गया है, जिसके लिए शिक्षकों ने पूरे यत्न किए कि नर्सरी में दाखिले भी होंगे और सबको सुविधाएं भी नसीब हों। इसके लिए उन्होंने एकजुटता और जज्बा दिखाते हुए न केवल ग्रामीणों को अपने पक्ष में किया बल्कि पूरी तरह से सुविधाएं जुटाने के लिए फंड का भी स्वयं इंतजाम किया है।
शिक्षक शीतल शारदा, मीना ठाकुर, पवन कुमार व किशोर चंद का कहना है कि उन्हें अपने कार्य को लेकर पूरा संतोष है कि उन्होंने अच्छा काम किया है। शिक्षा की लो फैलाना और शिक्षा के लिए सुविधाएं मुहैया करवाना शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है जिसे उन्होंने सही तरीके से निभाने का प्रयास किया है।
शिक्षिका मीना ठाकुर ने मेहनत करके न केवल क्लासरूम की साज-सज्जा में योगदान दिया बल्कि फंड एकत्रित करके नर्सरी कक्षा के लिए छोटे-छोटे टेबल और कुॢसयां भी उपलब्ध की। यहीं नहीं कक्षा के लिए फर्श पर बिछाने के लिए एक मैट भी खरीदा गया और जब क्लासरूम तैयार हुआ तो इसका नजारा किसी निजी स्कूल के क्लासरूम से कम नहीं था। फाइनल एग्जाम खत्म होने के बाद शीतल शारदा ने क्लासरूम में करने के लिए रंग-रोगन का इंतजाम किया और चारों शिक्षकों ने मिलकर कमरे को स्वयं रंग किया। सुबह 7 बजे से शुरू होकर चारों शिक्षिका देर शाम तक क्लासरूम में रंग-रोगन के साथ-साथ आकृतियां उकेरीं।
अब नर्सरी कक्षा शुरू होने पर इस स्कूल में लगभग आधा दर्जन बच्चे नर्सरी में दाखिल हो चुके हैं। आने वाले दिनों में निजी स्कूलों के बच्चों को यहां सरकारी स्कूल में शिक्षारत्त करने के लिए शिक्षक प्रयासरत हैं और दिन-रात कड़ी मेहनत करने में जुटे हुए हैं।