पंचायत एवं ग्राम सचिव एसोसिएशन संघर्ष समिति के आह्वान पर पिछले एक पखवाड़ा से हड़ताल व छह दिनों से धरने पर भूख हड़ताल पर थे। जींद राह चलती एमए बीएड युवती ने लघु सचिवालय के बाहर भूख हड़ताल तथा धरने पर बैठे सरपंचों व ग्राम सचिवों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल को समाप्त करवाया। सरपंचों ने युवती को 1100 का शगुन भी दिया। सरपंचों तथा ग्राम सचिवों ने प्रधानमंत्री बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं मुहिम को आगे बढ़ाते हुए यह निर्णय लिया। उन्होंने साफ कहा कि भूख हड़ताल तथा धरना एक मई तक स्थगित किया गया है अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो रणनीति बनाकर आंदोलन को दोबारा शुरु कर दिया जाएगा। हालांकि बुधवार को सरपंच तथा ग्राम सचिव एसोसिएशन की सरकार के साथ बातचीत के बाद भूख हड़ताल तथा धरना समाप्त होना तय हो गया था। बावजूद इसके विधित रूप से धरना तथा भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए वीरवार को गांव पिंडारा के सरपंच रामफल, बरसोला के सरपंच जोगेंद्र, राजपुरा भैण के सरपंच जयबीर, निडानी के सरपंच दयानंद भूख हड़ताल पर बैठे। जबकि धरने की अध्यक्षता सरपंच रामफल ने की।
भूख हड़ताल तथा धरने को संबोधित सरपंच एवं ग्राम सचिव प्रदेश एसोसिएशन से दिशा निर्देश मिलने पर भूख हड़ताल व धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि धरना व भूख हड़ताल को समाप्त करने के लिए किसी राजनीतिक दल या अधिकारी को न बुलाकर किसी लड़की से धरना व भूख हड़ताल समाप्त करवाया जाए। कार्यवश लघु सचिवालय की तरफ जा रही एमए बीएड गांव भौंसला निवासी रीना को धरना स्थल पर बुलाया गया। फिर उसे सरपंचों तथा ग्राम सचिवों ने समझाया। जिसके बाद रीना ने सरपंचों व ग्राम सचिवों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल तथा धरने को समाप्त करवाया। सरपंच एसोसिएशन ने रीना को 1100 रुपये का शगुन तथा आर्शीवाद भी दिया। पिछले एक पखवाड़ा से हड़ताल पर चल रहे सरपंचों तथा ग्राम सचिवों की हड़ताल समाप्त होने पर जिला प्रशासन तथा ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है। सरपंचों व ग्राम सचिवों की हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित हो गए थे।