इ-प्रणाली लागु किए जाने से नाराज सरपंचों का प्रदर्शन अब भी जारी है अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सरपंचों ने धरने के पांचवें दिन भी सरकार की इ-प्रणाली का विरोध करते हुए अपना रोषप्रदर्शन जारी रखा। प्रदेश सरकार और सरपंचों के बीच का ये मसला अब भी जारी है। सरपंचों की मांग को लेकर आज मुख्यमंत्री ने सरपंचों को बातचीत का न्यौता दिया बावजूद इसके कुछ ही सरपंच मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के लिए पहुंचे।
जो सरपंच मुख्यमंत्री के न्यौते के बाद भी उनसे बातचीत करने नहीं गए उनका कहना है कि जो लोग सीएम के साथ वार्ता के लिए पहुंचे हैं वह पार्टी के अंदर ही काम कर रहे हैं और बीजेपी के ही परिंदे कहे जा सकते हैं। सरपंचों ने कहा कि पिछली बार सरकार की ओर से सरपंचों की वार्ता के दौरान काफी बेईज्जती की गई थी, जब तक सरकार पिछले व्यवहार को लेकर माफ़ी नहीं मांगती तब तक सरपंचों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। आज कई सरपंचो की ओर से अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया गया और कई सरपंच अर्धनग्न अवस्था में ही गांव से फतेहाबाद धरने पर पहुंचे। अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने के लिए सरपंचों ने बीजेपी सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बीजेपी के राज में सरपंचों को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
आम जनता को भी पता लगना चाहिए कि अच्छे दिन किसे कहते हैं, इसलिए वो आम जनता से मिलते हुए अपने गांवो से फतेहाबाद धरने पर अर्धनग्न होकर पहुचे है। सरपंचों का कहना है कि वह सरकार की किसी धमकी से पीछे हटने वाले नहीं हैं, उनका आंदोलन जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती। उन्होने कहा कि सरकार उनकी ग्रांट को कम करने की बात बोल रही है उससे उन्हे कोई फर्क नही पडता।