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श्रमिकों को बनाया जाएगा कुशल, प्रशिक्षण का खर्च उठाएगा श्रमिक कल्याण बोर्ड।

चंडीगढ़,28 मार्च। श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में पंजीकृत श्रमिकों को कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसका खर्च श्रमिक कल्याण बोर्ड उठाएगा। इसके अलावा श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए दी जा रही सहायता राशि में करीब 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।

 

श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी बुधवार को चंडीगढ़ में मीडिया से रुबरु हुए। हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक बोर्ड की 15वीं वार्षिक बैठक में लिये गए निर्णयों की जानकारी देते हुए नायब सैनी ने बताया कि प्रदेश के श्रमिकों को कुशल बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही राज्य के निर्माण श्रमिकों को प्रशिक्षित करने का पूरा खर्च श्रमिक कल्याण बोर्ड उठाएगा। इसके लिए कार्य अभिरूची (ईओआई) आंमत्रित की जाएगी, जिनको प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण पत्र तथा टूल किट दी जाएगी। प्रशिक्षण के लिए श्रमिक हरियाणा का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। सरकार ने निर्माण श्रमिकों के प्रशिक्षण हेतु विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल में अलग से ब्लॉक बनाने का भी निर्णय लिया है।

 

उन्होंने कहा कि कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों की सहायता राशि को 3 हजार से बढ़ाकर 8 हजार, कक्षा नौवीं से 12वीं तथा आईटीआई के छात्रों की सहायता राशि 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, स्नातक के लिए 8 हजार से बढ़ाकर 15 हजार तथा स्नातकोतर विद्यार्थियों की सहायता राशि 12 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये वार्षिक की गई है। इसके अलावा, श्रमिकों के बच्चों द्वारा निजी संस्थानों में इंजीनियरिंग, चिकित्सा शिक्षा, तकनिकी शिक्षा, प्रबन्धन तथा अन्य व्यवसायिक कोर्सों की पढ़ाई का खर्च भी बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा, इससे पहले केवल यह सुविधा सरकारी संस्थानों में ही दी जाती थी।

 

श्रम मंत्री ने बताया कि 10 वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले श्रमिकों के बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत 90 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 51 हजार रुपये, 80 प्रतिशत या अधिक अंक पर 41 हजार रुपये, 70 प्रतिशत या अधिक अंक आने पर 31 हजार तथा 60 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 21 हजार रुपये की एक मुश्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर अब उसके आश्रितों को भी परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य, अपंगता पैंशन तथा अन्य सहायता दी जाएगी। श्रमिकों द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए क्लेम प्रस्तुत करने की निर्धारित समय सीमा 6 माह से बढ़ाकर एक वर्ष कर दी है। इसके साथ ही अपंजीकृत श्रमिकों की भी कार्यस्थल पर दुर्घटनावश अपंगता होने पर पहली बार 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।

 

उन्होंने बताया‌ कि अंतोदय आहार योजना के अन्तर्गत श्रमिकों के लिए 6 अन्य जिलों में सरकारी भोजनालय खोले जाएंगे। इसमें भिवानी, अंबाला, फतेहाबाद, करनाल, पंचकूला सेक्टर-16 तथा पानीपत शामिल है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग एवं हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिकों के संयुक्त कार्यालय भवन का निर्माण पंचकूला में किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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