पांच जिलों से आरटीआई के तहत मिली जानकारी के आधार पर लगाया आरोप,अब सीबीआई जांच की मांग
चंडीगढ़, 18 मार्च। हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से इंडियन नेशनल लोकदल के सांसद दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में नेशनल हैल्थ मिशन और मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत सभी 22 जिलों में दवाओ व अन्य चिकित्सा उपकरणों की खरीद में बडा घोटाला किए जाने का आरोप लगाते हुए सारे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह घोटाला 100 करोड से लेकर 300 करोड के बीच आंका जा रहा है।
आरटीआई से जुटाए गए कागजात पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016 तक तीन वर्षो में जिला स्तर पर ख्ररीदी गई दवाइयां, चिकित्सा उपकरणों में अधिकारियों ने जम कर लूट मचाई। उन्होंने कहा कि रोहतक में बिना किसी कमेटी के गठन के तीन करोड़ की दवाइयों की खरीद की गई है और आरटीआई में जिस कमेटी को दर्शाया गया है उस कागज पर न तो ऑफिशियल नम्बर है और न ही कोई तारीख है। यानि कि यह सारा मामला फर्जीवाड़े का है। इसी प्रकार हिसार की जीके ट्रेडिंग कंपनी जो किराना व घी के टिन नम्बर के साथ चिकित्सकीय उपकरण सरकार को उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि हिसार में आधिकारिक तौर पर कोई भी टेंडर या कोटेशन किसी भी अन्य फर्म को नहीं मिले और न ही इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध है। इसका मतलब है कि हिसार जिले में इस सामान की खरीद को लेकर सिविल सर्जन व इस फर्म ने अपनी मनमानी की है। दुष्यंत ने कहा कि उनका यह खुलासा पांच जिलों से दवा खरीद के बारे में आरटीआई के तहत मिले जवाब पर आधारित है। प्रदेश के सभी 22 जिलों में तो और बडा घोटाला सामने आयेगा।
सिविल सर्जन फतेहाबाद ने 95 पैसे प्रति नग की दर के फेसमास्क को 4.90 रुपए में खरीदा जो टेंडर रेट से लगभग पांच गुणा ज्यादा है। वहीं 500 ग्राम कॉटन रोल जिसका टेंडर रेट 99 रुपए था, उसको 140 रुपए की दर से खरीदा गया। इसी प्रकार हैंड सेनेटाइजर जिसकी टेंडर कीमत 185 रुपए थी, उसके लिए 325 रुपए का भुगतान किया गया। यह सब खरीद सरकार ने अपनी चहेते सप्लायर आरवीएक्स इंडस्ट्रीज से की है। इसी प्रकार हिसार की जीके ट्रेडिंग कम्पनी से ईटीडीए वैक्यूटेंनर 5.50 रुपए की दर पर खरीदा जिसका टेंडर रेट 2.20 रुपए है इसी प्रकार ईटीडीए वैक्यूम फ्लोराइड, वैक्यूम सिट्रेट भी दो से तीन गुणा ज्यादा रेटों पर खरीदे गए। उन्होंने कहा कि सिविज सर्जन रेवाड़ी से मिली आरटीआई जवाब से पता चलता है कि शगुन ट्रेडिंग कंपनी हिसार, के पास कोई ड्रग लाइसेंस नहीं है। लेकिन रेवाड़ी की परचेज कमेटी ने ड्रग आइटम का टेंडर इस फर्म के नाम जारी किया और इसी फर्म ने फतेहाबाद में भी सप्लाई का काम किया है।
इनेलो संसदीय दल के नेता ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य विभाग में हुए इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। उन्होंने मंगलवार तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि मनोहर लाल खट्टर सरकार इसकी जांच सीबीआई से नहीं करवाती है तो वह स्वयं सीबीआई निदेशक से सुबूतों के साथ मिल कर इसकी सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि. हिसार व फतेहाबाद के सामान्य अस्पतालों में चिकित्सीय सामान की आपूर्ति करने वाली फर्म का मालिक नकली सिक्के बनाने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद है। जीके ट्रैडर्स ने हिसार व फतेहाबाद में लाखों रूपये के सामान की आपूर्ति की थी। जब इस बारे में टेक्स विभाग से इस फर्म के बारे में तथ्य जुटाए गए तो पता चला कि इस फर्म का मालिक गुलशन कुमार है और फर्म का टिन नंबर किराणा मर्चेट व वनस्पति ऑयल के नाम पंजीकृत है। किराणा मर्चेंट एवं वनस्पति का व्यापार करने वाली फर्म ने धड़ल्ले से मेडिकल उपकरण तथा अन्य सामान की आपूर्ति कर दी।
इसी तरह मेडिसिन आपूर्तिकर्ता फर्म कृष्णा इंटरप्राइजेज हिसार, हरियाणा फार्मेसी कांउसिल के चेयरमैन सोहनलाल कंसल के पुत्र कनिष्क द्वारा संचालित की जा रही है। सोहनलाल कंसल हिसार में वर्ष 2014-15 में स्टोर कीपर के पद पर कार्यरत रहे है और मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सोहनलाल को मार्च में ही हरियाणा फार्मेसी कांउसिल का चेयरमैन नियुक्त किया है। सोहनलाल ने स्टोर कीपर रहते हुए कोई भी दवाई और सामान का टेंडर या कोटेशन अधिकारियों से मिलीभगत कर कार्यालय के रिकार्ड में दर्ज नहीं होने दिया।