सिरसा सच डेयरी ने केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार के वैज्ञानिकों की मदद से दुनिया में पहली बार लैबोरेट्री से बाहर क्लोन कटड़ा पैदा कर पशुपालन के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल कर स्वर्णिम इतिहास रचा है। साढ़े दस माह में पैदा हुए 54 किलो वजनी दुनिया के इस पहले क्लोन कटड़े के सीमन से और अधिक क्लोन तैयार किए जाएंगे जिससे की अच्छी किस्म की भैंसे तैयार होंगी और यह तकनीक पशुपालन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह के मुताबिक आसाम की भैंस के सेल को हाईटेक सच डेयरी की मुर्राह नस्ल की भैंस में ट्रांस्प्लांट कर पैदा किए गए दुनिया के इस पहले क्लोन कटड़े का नाम ‘सच गौरव’ रखा गया है। दुनियाभर में इससे पहले विभिन्न पशु वैज्ञानिकों द्वारा 12 क्लोन तैयार किए जा चुके हैं लेकिन अब तक किसी में भी सफलता नहीं मिली।
खास बात यह है कि इस क्लोनिंग कटड़े का वजन रोजाना 750 ग्राम बढ़ रहा है जो कि हैरतंगेज है। आमतौर पर लैबोरेट्री के अंदर पैदा किए गए क्लोन का वजन 35 किग्रा. होता है लेकिन लैबोरेट्री से बाहर पैदा हुए इस क्लोन का वजन कई गुना ज्यादा होने से पशु वैज्ञानिक भी हैरत में हैं। इस एक क्लोन से दो लाख सीमन इंजेक्शन तैयार किए जा सकते है जिससे हजारों भैंसो को गर्भवती किया जा सकता है। इस तकनीकी से पशुपालन क्षेत्र में आर्थिक लाभ मिलेगा।