एशिया की सबसे बड़ी प्लाईवुड इंडस्ट्री होने का खिताब हासिल कर चुकी यमुनानगर की प्लाईवुड इंडस्ट्री अब बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी है। प्लाईवुड इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगपति पिछले काफी समय से लकड़ी पर लगने वाली मंडी फीस को खत्म करने की मांग कर रहे है। इस बारे में प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के चेयरमैन देवेंद्र चावला का कहना है कि आज तक उनकी अपनी लक्कड़ मंडी नहीं है। उनके पास अपना ट्रांसपोर्ट नगर नहीं है। मेटेरियल लेने के लिए उन्हें सुबह सड़कों पर खड़ा होना पड़ता है। वहीं पिछले तीन साल से उन्हें सरकार की तरफ से केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। यहीं कारण है कि अब प्लाईवुड इंडस्ट्री यहां से प्लायन करने की योजना बना रहे है।
देवेंद्र चावला का कहना है कि ये सरकार का चौथा बजट है और पिछले 3 बजटों से प्लाईवुड इंडस्ट्री हर बजट को बहुत निहारती है और इस बार भी प्लाईवुड इंडस्ट्री को इससे काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की मीटिंग में कहा था कि आने वाल बजट एक लाख करोड़ रुपए का होगा। जोकि शायद जब से हरियाणा बना है यह इतने बड़े अमाउंट का पहला बजट होगा जिसमे प्लाईवुड इंडस्ट्री का एक बहुत बड़ा योगदान है।