सिरसा : पिछले 4 सालों में सिरसा जिले के कई गाँवो में लिंग अनुपात में भारी गिरावट देखने को मिल रही है जोकि विचार योग्य है। सिरसा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऐसे 88 गांव है, जहाँ लिंग अनुपात काफी कम है। विभाग के अधिकारी इन गाँवो में लिंग अनुपात के कम होने के कारण ढूढ़ने में जुट गए है। विभाग के अधिकारी का मानना है कि कुछ गांव बॉर्डर एरिया होने के कारण वहां पर लिंग जाँच कर बच्चों को कोख में ही मरवा दिया जाता है। जिसकी जाँच स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने गाँवो में लिंग अनुपात को सुधारने के लिए एक नई मुहीम शुरू की है। इस मुहीम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और सरपंच सहित अनेक सामाजिक सगठन, ग्रामीण इलाके के लोगों को सेमिनार और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक करेंगे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार जिले में पिछले साल की अपेक्षा 2 हजार 94 बच्चे कम जन्मे हैं। 1051 बेटियों कम पैदा हुई है तो बेटों के आंकड़ों में 1043 की कमी आई है। हैरानीजनक बात यह है, कि चार सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतना बड़ा अंतर आया है। इन आंकड़ों ने बेटी बचाओ अभियान में जुटे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कारणों को ढूंढा जाने लगा है। विभाग का सीधा संदेह फर्जी अल्ट्रासाउंड करने वालों पर गया है। अब इस बात की तलाश भी हो रही है कि कहीं फर्जी अल्ट्रासाउंड करने वालों के चक्कर में आकर बेटियों
के नाम पर बेटों की भी बलि नहीं दी जा रही है।