फतेहाबाद : हरियाणा में अनाज को टैक्स फ्री बताकर व्यापारी बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी सरकार को चूना लगा रहे हैं। यह खुलासा हुआ है फतेहाबाद जिले में 873 करोड रुपए के राइस एक्सपोर्ट मैं टैक्स चोरी का मामला सामने आने के बाद। फतेहाबाद के डीईटीसी डिपार्टमेंट (जिला आबकारी एवं कराधान विभाग) ने जिले के 136 ऐसे शैलर मालिकों को नोटिस जारी किया है जो अपने ट्रेडमार्का के साथ चावल एक्सपोर्ट करते हैं। फतेहाबाद जिला के डीटीसी वी.के. शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि 136 राइस शेलर मालिकों द्वारा सालाना करीब 873 करोड़ रुपए का चावल एक्सपोर्ट जिले से अलग-अलग क्षेत्रों में और हरियाणा से बाहर किया जाता है। ट्रेडमार्का के साथ अनाज का एक्सपोर्ट करना जीएसटी के नियमों के मुताबिक टैक्स के दायरे में आता है। शास्त्री के मुताबिक अनाज के पैकिंग और ट्रेडमार्क का के साथ एक्सपोर्ट पर 5% जीएसटी लागू है। जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद फतेहाबाद के शहर मालिकों ने अनाज को टैक्स फ्री बताते हुए राइस एक्सपोर्ट का टैक्स जमा नहीं करवाया जिससे सरकार के राजस्व में करीब 44 करोड रुपए का नुकसान हुआ। ऐसे में इन 136 शैलर मालिकों को नोटिस जारी कर टैक्स भरने का निर्देश दिया गया है। वीके शास्त्री ने बताया कि पूर्व के आंकड़ों के मुताबिक फतेहाबाद से 90 करोड़ से भी अधिक का राजस्व राइस एक्सपोर्ट पर टैक्स के रूप में विभाग के पास जमा होता था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद 1 साल में कम से कम 700 करोड़ का टर्नओवर मानते हुए विभाग ने 35 करोड रुपए टैक्स के रूप में विभाग के पास जमा होने का अनुमान लगाया है। इन 136 शेलर मालिकों को निर्देश दिया गया है कि ट्रेडमार्क का पर या पैकिंग के जरिए किए गए राइस एक्सपोर्ट का 5% की दर से टैक्स विभाग को जमा करवाएं। वीके शास्त्री ने बताया कि अगर नोटिस के बाद मालिक नियमानुसार टैक्स नहीं भरते हैं तो इनके खिलाफ आगामी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीईटीसी वीके शास्त्री से जब पूर्व के अधिकारियों द्वारा इस विषय पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारणों का सवाल किया गया तो शास्त्री ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि पूर्व के अधिकारियों ने जीएसटी के इस एडवाइजरी पर ध्यान क्यों नहीं दिया। ऐसे में इस बारे में दें कुछ नहीं कह सकते।