चंडीगढ, 20फरवरी : पंजाब में पिछले दस साल से आयुर्वेद के डाॅक्टरों की फर्जी डिग्री बीएएमएस बांटने का गोरखधंधा पिछले करीब दस साल से चल रहा था। फर्जी डिग्री बांटने वालों ने फर्जी पैरा मेडिकल कौंसिल के जरिए ये हजारों फर्जी डिग्रियां बांटीं और करोडों रूपए बटोरे। हाल में जब मीडिया में इस बारे में रिपोर्ट आईं तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने विजिलैंस ब्यूरो को जांच के आदेश दिए है। जांच रिपोर्ट तीन माह में सौंपने को कहा गया है।
पंजाब के मोहाली से कौंसिंल आॅफ पैरामेडिकल पंजाब नाम से एक फर्जी संस्था चलाए जाने का मामला हाल ही में सामने आया था। एक अनुमान के अनुसार इस संस्था के नाम से बीएएमएस की करीब छह हजार डिग्री बेची गईं। यह फर्जी संस्था एक से दो लाख रूपए में डिग्री या डिप्लोमा दे रही थी। करीब 41 कोर्स के डिग्री व डिप्लोमा बांटे जा रहे थे। फौरी जानकारी के अनुसार यह गांेरखधंधा पिछले करीब दस साल से चल रहा था और प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग सिर्फ इस संस्था की वैध मान्यता न होने की सार्वजनिक सूचना ही जारी कर पाया।
पंजाब के यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति बोर्ड को इस मामले में आठ रजिस्टर हासिल हुए है। इन रजिस्टरों के अनुसार इस फर्जी संस्था ने अकेले बीएएमएस की 6136 डिग्री जारी की है। इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी होशियारपुर से चलाए जा रहे इसी तरह के गोरखधंधे की जांच के आदेश दिए गए थे। मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि यह गंभीर मामला है। हजारों भोले-भाले लोगों को लूटा गया है। मामले में ठोस कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।