दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सीएम मनोहर लाल और केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ जाट नेताओं ने रविवार देर रात तक बैठक की। कई घंटों की मैराथन बैठक के बाद हरियाणा सरकार और जाट नेताओं के बीच सहमति बनी। हरियाणा सरकार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे अधिकार क्षेत्र में रहते हुए वापस लेगी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार भाई चारा बनाने और सभी वर्गों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे अधिकार क्षेत्र में रहते हुए वापस लेगी।
उन्होंने कहा, ‘सरकार 31 मार्च से पहले जाट समेत 6 जातियों को आरक्षण देने के बारे में कोर्ट के फैसले के अनुसार सभी आकंडे़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को उपलब्ध करवायेगी ताकि आरक्षण दिये जाने बारे अंतिम निर्णय जल्दी हो सके.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का यह दृढ़ निश्चय है जहां हर वर्ग को उनका न्यायोचित अधिकार मिले, वहीं किसी भी वर्ग के अधिकारों का हनन न हो। ऐसा होने से सामाजिक सौहार्द ओर भाईचारा मजबूत होता है।
राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव ने दिया आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार संसद के आगामी स़त्र में केन्द्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बिल को पारित करवाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी से भी इस बिल का समर्थन करने की उम्मीद करते हैं.
वहीं जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा, ‘सरकार की बातचीत से जाट संघर्ष समिति संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि जाटों को केंद्र में राष्ट्रीय शैक्षणिक और पिछड़ा आयोग बिल को संसद से पारित करवाने का आश्वासन मिला है इसी सत्र में ये बिल पारित करवाने का विश्वास दिलवाया है. साथ ही सरकार ने आश्वासन दिया है सभी मांगें वक़्त पर पूरी होगी’