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झारखंड से हरियाणा मानव तस्करी का रैकेट फिर सामने आया

चंडीगढ,8फरवरी। झारखंड से हरियाणा मानव तस्करी के रैकेट का खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है। मानव तस्करी के तहत झारखंड से महिलाओं को किसी तरह हरियाणा लाकर बेचा जा रहा है। हाल में प्रदेश के यमुनानगर में एक कोठी से झारखंड की एक महिला को मुक्त कराए जाने के बाद फरीदाबाद में भी पिछले 48 घंटे में   झारखंड की  तीन छोटी लडकियों को मुक्त कराए जाने के साथ ही जिले में मुक्त कराई जाने वाली झारखंड की छोटी लडकियों की संख्या आठ तक पहुंच गई है।
     विश्वस्त जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार के अधिकारियों की एक टीम फरीदाबाद में मौजूद है और संभवतः यह टीम शुक्रवार को मुक्त कराई गई सभी लडकियों को लेकर रवाना होगी। इन लडकियों को उनके गृृह स्थान पहुंचाया जाएगा। फरीदाबाद के सेक्टर 29 के कुछ मकानों से 15 से 17 वर्ष के बीच की कुछ लडकियों को पिछले 48 घंटे के दौरान मुक्त करवाया गया था। इन सभी लडकियों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान झारखंड और खासकर गोड््डा जिले से लाया गया था। इन लडकियों के परिजनों को अच्छा रोजगार दिलाने का वायदा किया गया था। लेकिन फरीदाबाद लाये जाने के बाद इनमें से ज्यादातर का शारीरिक व यौन शोषण किया गया।
     सूत्रों के अनुसार कानून के मुताबिक नाबालिग लडकियों को नौकरी नहीं दी जा सकती लेकिन मानव तस्करी के लिए गरीब परिवार आसान शिकार बन गए है। तस्कर परिजनों को नकदी देते हैं और पीडित लडकियों को अच्छा रोजगार दिलाने का झांसा देते है। पिछले एक साल के दौरान झारखंड के एक जिले से चालीस लडकियों के गायब होने की जानकारी सामने आई है।
    अब ज्यादातर पीडितों की घर वापसी होने जा रही है। लेकिन इनमें से एक का अभी सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पिछले 27 जनवरी को इसके मालिक ने गंभीर चोटें पहुंचाई थीं। पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले दो लोगों को गिरफ््तार किया है जबकि दो अभी फरार है।
  ऐसा नहीं है कि हरियाणा के पलवल में सिर्फ झारखंड की लडकियां ही लाई जा रही है बल्कि पश्चिम बंगाल से लाई गई लडकियों को भी बरामद कर मानव तस्करों को गिरफ्तार करने के मामले भी सामने आए है। एनजीओ भी बेची जाने वाली लडकियों को मुक्त कराने के अभियान में शामिल है। हावडा देहात के सकरैल थाने की महिला पुलिस टीम  अगस्त 2016 में एक लडकी तलाश करते हुए पलवल पहुंची थी लेकिन एक की जगह तीन लडकियों को मुक्त कराया गया था। इन लडकियों को जबरन विवाह करने के लिए लाया गया। तब हरियाणा में लिंगानुपात 1000 पुरूषों पर 887 महिलाओं का चल रहा था।

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