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श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी: केदारनाथ धाम में टोकन सिस्टम से अब नहीं लगानी होगी लंबी लाइन

चंडीगढ़, 21 अप्रैल 2025: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की तैयारियाँ अब अपने अंतिम चरण में हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन धामों में दर्शन करने पहुंचते हैं और इस बार केदारनाथ धाम में एक महत्वपूर्ण नए बदलाव के साथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। इस साल, केदारनाथ में टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों में खड़ा होने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

 

यात्रा की शुरुआत और टोकन व्यवस्था

30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे, इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाएंगे। इस बार, खासतौर पर केदारनाथ धाम में, टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे श्रद्धालु अपनी निर्धारित समय स्लॉट पर दर्शन कर सकेंगे। यह व्यवस्था न केवल भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करेगी बल्कि श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा अधिक आरामदायक और संगठित बनाने में भी मदद करेगी।

 

टोकन मिलेगा कहां से?

केदारनाथ में MI हेलीपैड के पास एक टोकन काउंटर स्थापित किया जाएगा।

यहां यात्रियों को उनके दर्शन का समय और नंबर दिया जाएगा।

श्रद्धालु केवल टोकन में दिए गए समय पर ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

बाकी समय में, श्रद्धालु धाम में घूमने या आराम करने का समय प्राप्त कर सकेंगे।

 

टोकन सिस्टम के फायदे

भीड़ नियंत्रित होगी: इससे मंदिर परिसर में भीड़ एक साथ नहीं जमा होगी, जिससे व्यवस्था बनी रहेगी।

यात्रियों को राहत मिलेगी: लंबी लाइनों में खड़े होने की परेशानी दूर होगी, और समय की बचत भी होगी।

सुरक्षा में सुधार: अत्यधिक भीड़ से बचाव होगा, जिससे पुलिस और प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

कुशल प्रबंधन: प्रशासन के लिए यह एक सुनियोजित व्यवस्था होगी, जिससे मंदिर क्षेत्र में शांति बनी रहेगी।

 

पैदल मार्ग पर बर्फ हटाई गई

प्रशासन ने केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटा दी है, जिससे अब आवाजाही आसान हो गई है।

साथ ही, मंदिर क्षेत्र में जरूरी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होंगे, जिससे यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

 

पर्यटन विभाग की कार्य योजना

पर्यटन विभाग ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है।

 

पिछले साल की तरह, इस बार भी टोकन सिस्टम का पालन किया जाएगा।

इससे यात्रा अधिक सुरक्षित और आरामदायक बन जाएगी।

 

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