नई दिल्ली, 20 अप्रैल 2025 — भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 28 अप्रैल से पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना होंगे, जिसमें उनका गंतव्य होगा लंदन, ओस्लो और ब्रसेल्स। यह यात्रा भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति को नई दिशा देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। गोयल की यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब भारत ब्रिटेन, नॉर्वे और यूरोपीय संघ के साथ महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुका है।
लंदन: भारत-ब्रिटेन FTA पर आखिरी मुहर संभव
लंदन में गोयल की मुलाकातें भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकती हैं। दोनों देशों के बीच वार्ताएं अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे के बाद लंबित मुद्दों को सुलझाकर समझौते पर हस्ताक्षर जल्द हो सकते हैं।
ओस्लो: 100 अरब डॉलर निवेश की डील पर आगे की बातचीत
ओस्लो में गोयल की प्राथमिकता होगी भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुए हालिया व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) को लागू करने की प्रक्रिया को तेज़ करना। मार्च 2024 में हुए इस ऐतिहासिक समझौते के तहत भारत को अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है। इससे भारत में स्विस घड़ियों, चॉकलेट, और हीरों जैसे हाई-वैल्यू उत्पादों पर आयात शुल्क में भारी राहत मिलेगी।
ब्रसेल्स: भारत-EU समझौते को मिलेगा नया मोड़
ब्रसेल्स में मंत्री गोयल भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर गहन वार्ता करेंगे। यह समझौता कई वर्षों से अधर में लटका हुआ है, लेकिन हाल के महीनों में इसमें तेज़ी आई है। 12 से 16 मई के बीच प्रस्तावित 11वें दौर की वार्ता से पहले यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है।
मोदी-लेयेन की साझी प्रतिबद्धता
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन पहले ही इस वर्ष के अंत तक प्रारंभिक समझौते पर सहमति बनाने का संकल्प जता चुके हैं। ऐसे में गोयल की यात्रा इन प्रतिबद्धताओं को धरातल पर लाने की दिशा में अहम कड़ी होगी।