गेहूं की फसल पर मंडूसी व बथुवा रूपी खरपतवार का बढ़ता प्रकोप किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जिसके चलते क्षेत्र के किसान खरपतवार नाशक दवाइयों का स्प्रे मंडूसी को नष्ट करने के लिए लगातार कर रहे हैं। लेकिन धुंध और नमी के चलते किसानों को खेत में मंडूसी पर इनका भी ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा। ऐसे में किसानों को इस बात का डर है, कि अगर मंडूसी उनकी फसल से पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई तो,इसका बुरा प्रभाव गेहूं के उत्पादन पर पड़ेगा।
किसानों की रोजी रोटी फसल की पैदावार पर ही निर्भर है ऐसे में गेहूँ की फसल पर लगी खरपतवार से किसान बहुत परेशान है किसान पूरे साल मेहनत करके अच्छी फसल की उम्मीद करता है जिस पर उसके परिवार का गुजरा होता है। किसानों ने अपनी परेशानी से अवगत करवाते हुए कहा कि फसल पर खरपतवार का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ रहा है जिससे फसल खराब होने के कगार पर है। किसानों का कहना है कि किसान फसल पर ही आश्रित होता है और जब फसल ही खराब हो जाए तो किसान के पास कुछ नहीं रहता।
वहीं जब इस बारे में कृषि विज्ञानं केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विनोद से पूछा गया तो उन्होंने बताया, कि गेहूं में यदि मंडूसी खरपतवार के प्रकोप से बचाव के लिए गेहूं की बिजाई के तुरंत बाद गीली जमीन में 2 लीटर पैंडिमेथिलीन नामक रसायन को 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ऐसा करने ये मंडूसी की 50 से 60 प्रतिशत रोकथाम हो जाती है। पहली सिंचाई के 10 से 15 दिन बाद जब खेत में पैर पड़ने लग जाए तो मंडूसी रोधी स्प्रे कर दें। उन्होंने कहा, कि किसान पहला स्प्रे देर से करते हैं।