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PM Kisan 19th Installment

क्या केंद्र सरकार समाप्त करेगी कल्याणकारी योजनाएँ? अगले वित्त वर्ष में चल रही है बड़ी समीक्षा प्रक्रिया

नई दिल्ली,24 मार्च : अगले एक हफ्ते में नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा और इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। खास बात यह है कि केंद्र सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का रिव्यू (समीक्षा) करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार आगामी वित्त वर्ष में सभी केंद्रीय और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की गहन समीक्षा करेगी। यह समीक्षा खर्च की गुणवत्ता, फंड्स के उपयोग और प्रत्येक योजना के परिणामों पर आधारित होगी।

इस समीक्षा का उद्देश्य अनावश्यक योजनाओं को समाप्त करना और फंड्स के उपयोग को अनुकूलित करना है। यह रिव्यू हर पांच साल में किया जाता है, जो नए वित्त आयोग के साइकिल से पहले होता है।

क्या होंगे रिव्यू के प्रमुख पैरामीटर?

मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस रिव्यू में कई महत्वपूर्ण पैरामीटर को शामिल किया जाएगा। इनमें यह देखा जाएगा कि कोई योजना अपने उद्देश्यों को पूरा कर रही है या नहीं, क्या यह योजना समान राज्य-स्तरीय योजनाओं के साथ ओवरलैप कर रही है, और क्या छोटी योजनाओं को मिलाया जा सकता है या चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है।

साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि राज्यों ने योजनाओं के कार्यान्वयन में कितना अच्छा प्रदर्शन किया है। इस प्रक्रिया के तहत, व्यय विभाग ने नोडल मंत्रालयों से सुझाव मांगे हैं, और अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में कई उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए हैं।

अप्रैल में सामने आ सकती है रिपोर्ट

सरकार ने नीति आयोग से उन क्षेत्रों की पहचान करने को भी कहा है, जहां राज्य सरकारों की योजनाएं केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के समान हैं। नीति आयोग अप्रैल तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है, जिसमें योजनाओं के मौजूदा स्वरूप को जारी रखने, संशोधित करने, बढ़ाने, घटाने या समाप्त करने के लिए सिफारिशें की जाएंगी। इस रिपोर्ट को वित्त आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद केंद्र सरकार इसका निर्णय लेगी।

सीएसएस का बजट और प्रमुख योजनाएँ

केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए सीएसएस के लिए 5.41 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है। जबकि पिछले साल केंद्र ने 5.05 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा था, जिसे बाद में संशोधित कर 4.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। प्रमुख सीएसएस योजनाओं में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनREGA), प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और पीएमएवाई-ग्रामीण, जल जीवन मिशन (JJM) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) शामिल हैं।

क्या इसका मतलब है कि कुछ योजनाएँ बंद हो सकती हैं?

केंद्र सरकार के इस बड़े रिव्यू से यह सवाल उठ रहा है कि क्या कई योजनाओं को समाप्त किया जाएगा? क्या सरकार उन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी जो ज्यादा प्रभावी हैं और दूसरों को बंद करने पर विचार करेगी? यह समीक्षा प्रक्रिया आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण निर्णयों का कारण बन सकती है।

आखिरकार, ये कदम सरकार के फंड्स का अधिकतम उपयोग और समाज के लिए योजनाओं की बेहतर कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में उठाए जा रहे हैं।

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