चंडीगढ़,12 मार्च : खडूर साहिब से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। हालांकि, संसद ने उनकी छुट्टी को मंजूर कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद वह बजट सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका का निपटारा कर दिया है, लेकिन उनकी सांसद सदस्यता बरकरार रहेगी।
क्या थी याचिका की दलील?
अमृतपाल सिंह ने अदालत में तर्क दिया था कि अगर वह लगातार 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी संसदीय सीट खतरे में पड़ सकती है। इससे खडूर साहिब के 19 लाख मतदाता बिना प्रतिनिधित्व के रह जाएंगे। संसद के नियमों के अनुसार, अगर कोई सांसद बिना अनुमति 60 दिनों तक सदन में गैरहाजिर रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है।
संसदीय समिति ने दी थी छुट्टी की सिफारिश
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के अवकाश अनुरोधों पर विचार के लिए 15 सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव कर रहे हैं। समिति ने अमृतपाल सिंह की अनुपस्थिति को मंजूरी देने की सिफारिश की, लेकिन अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष के हाथों में रहेगा।
54 दिनों की छुट्टी के लिए दिया था आवेदन
अमृतपाल सिंह, जो कि अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, ने संसद में अनुपस्थिति की अनुमति के लिए तीन बार आवेदन किया था:
24 जून – 2 जुलाई (9 दिन)
22 जुलाई – 9 अगस्त (19 दिन)
25 नवंबर – 20 दिसंबर (26 दिन)
कुल मिलाकर, उन्होंने 54 दिनों की छुट्टी का अनुरोध किया था।
संसद सत्र में शामिल होने का कोई रास्ता नहीं
हालांकि संसद ने उनकी छुट्टी को मंजूर कर दिया है, लेकिन NSA के तहत उनकी गिरफ्तारी के कारण वे बजट सत्र में फिजिकली उपस्थित नहीं हो सकेंगे। इस बीच, उनकी सांसद सदस्यता बनी रहेगी, लेकिन राजनीतिक और कानूनी विवाद जारी हैं।
क्या अमृतपाल सिंह की सीट पर खतरा बना रहेगा?
फिलहाल, संसद से अनुमति मिलने के बाद उनकी सांसद सदस्यता बची हुई है, लेकिन NSA के तहत नजरबंद होने के कारण आगे की राजनीतिक स्थिति पर अनिश्चितता बनी हुई है।