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"साथ खड़े हो, स्वतंत्र खड़े हो," आईएनएसवी तारिणी के नाविकों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दीं शुभकामनाएं

“साथ खड़े हो, स्वतंत्र खड़े हो,” आईएनएसवी तारिणी के नाविकों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दीं शुभकामनाएं

नई दिल्ली, 8 मार्च 2025: भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा, जो आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर सागर परिक्रमा के तहत पृथ्वी का चक्कर लगा रही हैं, ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस ऐतिहासिक मौके पर दोनों ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी प्रेरणादायक बातें साझा कीं, जो न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं, बल्कि भारत की महिलाएं कितनी साहसी और मजबूत हो सकती हैं, इसका भी उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

“हमारी आवाज़ और हमारी कहानी मायने रखती है”
वीडियो में लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने कहा, “आज हम अपनी ताकत और सहनशीलता का उत्सव मनाते हैं। आप में से प्रत्येक महिला ने मुझे प्रेरित किया है और मेरे जीवन में फर्क डाला है। हमें कभी भी किसी को हमें नीचे गिराने का अवसर नहीं देना चाहिए। हम एक साथ खड़े हो, स्वतंत्र और सम्मानजनक बनें। यह हमारी आवाज़ और हमारी मौजूदगी की शक्ति है।”

“आपकी क्षमता को पहचानें और खुद को प्राथमिकता दें”
लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने अपनी बातों में कहा, “माताओं, चाचियों, दोस्तों और सहकर्मियों, आपने मेरी जिंदगी में जो फर्क डाला है, वह अनमोल है। आपने मुझे साहस दिया, जिससे मैंने एक लड़की से महिला बनने तक के रास्ते में अपने सपनों के पीछे दौड़ा। मैं चाहती हूं कि आप अपने हिस्से और अपनी क्षमता को याद रखें। खुद को प्राथमिकता दें, और बाकी सब अपने आप जगह पर आ जाएगा।”

नविका सागर परिक्रमा II: महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
नविका सागर परिक्रमा II भारतीय नौसेना द्वारा की जा रही एक अद्वितीय विश्वव्यापी यात्रा है, जिसमें केवल दो महिला अधिकारी शामिल हैं। यह अभियान यह दर्शाता है कि भारतीय नौसेना महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। अक्टूबर 2024 में शुरू हुआ यह अभियान वर्तमान में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन चुका है, जहां दिलना और रूपा ने कई खतरनाक समुद्रों और तूफानों का सामना किया है, और अपनी यात्रा के दौरान पुरुष प्रधान क्षेत्रों में भी नई मिसाल स्थापित की है।

इतिहास में नया अध्याय
भारतीय नौसेना के बयान में कहा गया, “दिलना और रूपा ने तूफानों का सामना किया और हिंसक समुद्रों से जूझते हुए, पूरे देश के सपनों को अपनी पीठ पर उठाया है। इन दोनों अधिकारियों ने दिखा दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकती हैं।” उनकी यात्रा ने हजारों भारतीय महिलाओं को प्रेरित किया है, जो अपने सपनों को साकार करने की इच्छा रखती हैं।

तीसरा और सबसे चुनौतीपूर्ण चरण
18 फरवरी को, आईएनएसवी तारिणी ने पोर्ट स्टेनली में पहुंचकर नविका सागर परिक्रमा II के तीसरे और सबसे चुनौतीपूर्ण चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस चरण में तीन चक्रवातों का सामना करना पड़ा, और जहाज ने पॉइंट नीमो, ड्रेक पैसिज और केप हॉर्न जैसे खतरनाक क्षेत्र पार किए।

आगे की यात्रा
6 मार्च को, आईएनएसवी तारिणी पोर्ट स्टेनली से रवाना हो गई और अब केप टाउन की ओर बढ़ रही है, जहां वे अपनी यात्रा का अगला महत्वपूर्ण चरण पूरा करेंगी। दिलना और रूपा की यह यात्रा न केवल भारतीय नौसेना की शक्ति को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह संदेश देती है कि महिलाओं की क्षमता अनंत है, और वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025:
इस महिला दिवस पर, दिलना और रूपा ने अपनी यात्रा से यह संदेश दिया कि महिलाओं को अपनी आवाज़ उठानी चाहिए, खुद को पहचानना चाहिए और हर चुनौती का सामना करने के लिए साहस और आत्मविश्वास से भरी रहनी चाहिए। “साथ खड़े हो, स्वतंत्र खड़े हो,” यही उनका मंत्र है, जो न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों को प्रेरित करता है, बल्कि लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

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