Sunday , 9 March 2025

किसानों का चंडीगढ़ में हल्ला बोल: 18 एंट्री प्वाइंट्स सील, ट्रैक्टर मार्च से पहले पुलिस की कड़ी तैयारी

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा 5 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तहत किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर, चंडीगढ़ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर के विभिन्न बॉर्डरों पर पुलिस ने 18 प्रमुख एंट्री प्वाइंट्स को सील कर दिया है और करीब 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रदर्शन को देखते हुए, सात क्षेत्रों के सभी डीएसपी और एसएचओ को भी ड्यूटी पर लगाया गया है।

चंडीगढ़ में ट्रैक्टर-ट्राली की एंट्री पर रोक

सूत्रों के अनुसार, प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि चंडीगढ़ में किसी को भी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने इस दिशा में सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं और सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकना और स्थिति को नियंत्रण में रखना है।

चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर जाम की स्थिति

प्रदर्शन के कारण चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी जाम लग गया है, खासकर जीरकपुर से चंडीगढ़ की ओर बढ़ते वाहनों को बैरिकेडिंग और जांच से गुजरना पड़ रहा है। यह जाम लंबे समय तक लगा रहा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने पूरी कोशिश की है कि रास्तों को पारदर्शी बनाया जा सके, लेकिन प्रदर्शन के चलते जाम की स्थिति बढ़ गई है।

पुलिस की कार्रवाई: कई किसान नेताओं की गिरफ्तारी

मंगलवार को पंजाब पुलिस ने राज्यभर में कई प्रमुख किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की और कुछ को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए नेताओं में बीकेयू (एकता-उगराहां) के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां, बीकेयू (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल, और कीर्ति किसान यूनियन के नेता राजिंदर सिंह दीप वाला शामिल हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से किसानों में और अधिक आक्रोश फैल गया, और कुछ स्थानों पर किसानों ने पुलिस का विरोध किया और स्थानीय पुलिस थानों का घेराव भी किया।

एमएसपी को लेकर गहरी नाराजगी

किसान पिछले साल से पंजाब और हरियाणा की सीमा पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब सरकार के साथ सोमवार को हुई बातचीत विफल होने के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया। किसानों की मुख्य मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी है, जिसको लेकर वे लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।

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