चंडीगढ़: हरियाणा में हुए पेपर लीक मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह “पेपर लीक” नहीं, बल्कि “पेपर आउट” का मामला है, यानी किसी छात्र ने इसे बाहर दिया था। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की गई और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
कई अधिकारी व शिक्षक निलंबित, FIR भी दर्ज
पेपर लीक मामले में गड़बड़ी पाए जाने पर सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकारी स्कूलों के चार और एक प्राइवेट स्कूल के इनविजिलेटर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, दो सेंटर सुपरवाइजर संजीव कुमार और सत्यनारायण को भी निलंबित किया गया है।
इसके साथ ही, नकल कराने के आरोप में चार बाहरी व्यक्तियों और आठ छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
25 पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए, सभी निलंबित
इस मामले में 25 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, जिनमें चार DSP और तीन SHO शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस तरह की गड़बड़ियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत कार्रवाई होगी।
CET परीक्षा पर मुख्यमंत्री का बयान
हरियाणा में आयोजित होने वाली CET परीक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मामले पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से बातचीत जारी है, और जल्द ही परीक्षा आयोजित करने पर निर्णय लिया जाएगा।
“सरकार की साख पर सवाल नहीं उठने देंगे” – सीएम सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की साख पर कोई सवाल न उठे, इसके लिए हम पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं।”
सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों के 500 मीटर के दायरे में बाहरी लोगों की उपस्थिति न हो, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता से बचा जा सके।
प्रदेश में कड़ी सुरक्षा, परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाए। इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार अब और सख्त नजर आ रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।