नई दिल्ली, 19 फरवरी: PM नरेंद्र मोदी ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी 395वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी, पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वे हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण में प्रेरणा देते हैं।”
छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय इतिहास के महानतम योद्धाओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने 17वीं सदी में मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उनके शासनकाल में पश्चिमी भारत में एक मजबूत और सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था की नींव रखी गई, और उन्होंने एक व्यापक नागरिक संहिता की स्थापना की थी, जो आज भी उनकी दूरदर्शिता को दर्शाती है। उनका जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में हुआ था।
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अमित शाह और राजनाथ सिंह ने भी दी श्रद्धांजलि
PM के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमित शाह ने ट्वीट किया, “हिंदवी स्वराज्य का उद्घोष करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जीवन नैतिकता, कर्तव्य और धर्मनिष्ठा का संगम था। कट्टरपंथी आक्रमणकारियों के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करके सनातन स्वाभिमान की ध्वजा के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्र निर्माता के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।”
वहीं, राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। उनका बेजोड़ साहस, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और लोगों के कल्याण के प्रति अटूट समर्पण हमें प्रेरित करता है। शिवाजी महाराज की निस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और लचीलेपन की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
शिवाजी महाराज की विरासत और योगदान
शिवाजी महाराज के जीवन और उनके योगदान का महत्व केवल उनके समय तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी धरोहर आज भी भारतीय समाज में जीवित है। उन्होंने न केवल सैन्य रणनीतियों में उत्कृष्टता दिखाई, बल्कि अपने प्रशासनिक कौशल और न्यायप्रिय शासन के कारण लोगों के दिलों में एक अमिट स्थान बना लिया। उनके नेतृत्व में मराठा साम्राज्य ने मुगलों के खिलाफ कठिन संघर्ष किया और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाया।
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छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती का यह दिन हमें उनके योगदान को याद करने और उनकी विशाल विरासत को संजोने का अवसर प्रदान करता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।