चंडीगढ़, 6 फरवरी – हरियाणा में पशुधन विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिसार स्थित “स्पर्म प्रोडक्शन सेंटर” में “सेक्स सोर्टिंग लैबोरेटरी” स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 18.6 करोड़ रुपए (1863 लाख) की लागत आएगी, जो केंद्र सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदान की गई है।
पशु नस्ल सुधार में मददगार होगी नई लैब
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह लैब “नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड” (NDDB) के सहयोग से स्थापित की जाएगी। यह लैब आधुनिक “बोविन सेक्स सोर्टेड सीमेन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी” से लैस होगी, जिससे उन्नत नस्लों के पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
प्रदेश में डेयरी उद्योग और किसानों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि इस तकनीक के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी। इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि पशुपालकों की आय में भी सुधार होगा।
क्या है सेक्स सोर्टिंग टेक्नोलॉजी?
सेक्स सोर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी के जरिए कृत्रिम गर्भाधान के समय मादा बछड़ों के जन्म की संभावना बढ़ जाती है। इससे किसान अधिक संख्या में दुधारू गाय और भैंसों का पालन कर सकेंगे, जिससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा में पशुपालन को मिलेगा नया आयाम
हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रदेश के पशुपालकों को नई तकनीक का लाभ मिलेगा। यह लैब पशु नस्ल सुधार में अहम भूमिका निभाएगी और राज्य को डेयरी उद्योग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचानेमें मदद करेगी।