चंडीगढ़,06 फरवरी। अंबाला शहर से एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है, जहां एक रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी ने अपने बेटे को बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका भेजा, लेकिन उसकी उम्मीदें चूर हो गईं। बेटे जितेश के अमेरिका से डिपोर्ट होकर घर लौटने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।
जितेश, जो करीब 40-45 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका गया था, अब वापस अपने घर लौट आया है। अमेरिका सरकार ने हाल ही में बड़ी संख्या में युवाओं को डिपोर्ट किया है, जिसमें जितेश भी शामिल था। इस पर उसके परिवार ने चिंता जाहिर करते हुए एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसने उन्हें अमेरिका भेजने का झांसा दिया था।
जितेश के पिता, जो खुद पुलिस से रिटायर हैं, ने बताया कि एजेंट ने उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। एजेंट ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि उनका बेटा हवाई यात्रा करेगा और अमेरिका में आसानी से बस जाएगा। लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। जितेश को “डंकी” रूट के जरिए जंगलों और खतरनाक रास्तों से पैदल अमेरिका भेजा गया। इससे उनका सपना टूट गया और उन्होंने अपनी दुकान बेच कर और अपनी रिटायरमेंट की पूरी राशि बेटे को भेज दी थी।
इतना ही नहीं, जितेश के पिता ने यह भी बताया कि उनका बेटा 19 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था, लेकिन अब वह वापस घर लौट आया है। उन्होंने कहा, “अगर हम जानते कि इस तरह की स्थिति सामने आएगी, तो कभी भी बेटे को ऐसा जोखिम नहीं लेते। अब हमें एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और हमारा पैसा वापस मिलना चाहिए।”
यह मामला कई सवालों को जन्म देता है, खासकर उन युवाओं के लिए जो बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जाते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि एजेंट पर कार्रवाई कब होती है और परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।
एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जितेश के परिवार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि उनका सपना भी टूट गया है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई और एजेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि और कोई परिवार इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार न बने।