चंडीगढ़, 22 जनवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में 7 नई स्थायी लोक अदालतों की स्थापना के लिए 3.87 करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इन अदालतों का उद्देश्य सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से जुड़े विवादों का शीघ्र निपटारा करना है। इसके अतिरिक्त, जन उपयोगी सेवाओं के लिए 35 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
अब सभी जिलों में होंगी स्थायी लोक अदालतें
प्रवक्ता के अनुसार, इन नई अदालतों की स्थापना के बाद हरियाणा के सभी 22 जिलों में स्थायी लोक अदालतें होंगी। वर्तमान में फतेहाबाद, जींद, झज्जर, मेवात, नारनौल, और पलवल में केवल कैंप कोर्ट आयोजित किए जा रहे थे। जबकि चरखी दादरी में कोई भी नियमित या कैंप कोर्ट संचालित नहीं था। इन सात जिलों के लिए स्थायी लोक अदालतें स्थापित होने से स्थानीय निवासियों को त्वरित न्याय मिलने की उम्मीद है।
नई अदालतों के लिए मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष, सदस्य और कर्मचारियों के पदों को मंजूरी दी है। इनमें शामिल हैं:
- 7 अध्यक्ष (प्रत्येक अदालत के लिए 1)
- 14 सदस्य (प्रत्येक अदालत के लिए 2)
- 7 रीडर
- 7 स्टेनो टाइपिस्ट
- 14 प्रोसेस सर्वर
- 14 चपरासी
प्रत्येक स्थायी लोक अदालत के लिए 5 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जो इन अदालतों के बुनियादी ढांचे और संचालन पर खर्च की जाएगी।
पहले से स्थापित लोक अदालतें
हरियाणा में पहले से ही अंबाला, पंचकूला, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, करनाल, रेवाड़ी, पानीपत, सिरसा, भिवानी, कैथल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, और यमुनानगर में 15 स्थायी लोक अदालतें कार्यरत हैं। नई अदालतों के जुड़ने से राज्य के सभी जिलों में इन सेवाओं का विस्तार हो जाएगा।
लोगों को होगा त्वरित न्याय का लाभ
स्थायी लोक अदालतों का उद्देश्य जन उपयोगी सेवाओं जैसे परिवहन, जलापूर्ति, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, और डाक सेवाओं से जुड़े विवादों का त्वरित और सुलभ निपटारा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अदालतों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को लाभ होगा, और न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।