चंडीगढ़, 22 जनवरी: हरियाणा के पानीपत से शुरू हुई “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना ने अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी ने इसे प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने प्रदेश में बेटियों के प्रति सोच को बदलने और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम किया है।
लिंगानुपात में ऐतिहासिक सुधार
मंत्री ने बताया कि 2014 में हरियाणा में लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 870 लड़कियों का था, जो अब बढ़कर 910 लड़कियों तक पहुंच गया है। इसका श्रेय जागरूकता अभियानों और अवैध गतिविधियों पर की गई सख्त कार्रवाई को जाता है। इस दौरान 4,000 से अधिक डॉक्टरों, झोलाछाप चिकित्सकों और दलालों की गिरफ्तारियां हुईं। सरकार ने 950 का लिंगानुपात लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
महिला सरपंच बनेंगी योजना की ब्रांड एंबेसडर
प्रदेश सरकार ने महिला सरपंचों को उनके गांव का ब्रांड एंबेसडर बनाने का निर्णय लिया है। मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि यह कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा और लोगों को बेटियों के अधिकारों और महत्व के प्रति जागरूक करेगा।
रेडियो कार्यक्रम “म्हारी लाडो” का शुभारंभ
महिला एवं बाल विकास विभाग ने “म्हारी लाडो” नामक एक रेडियो कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य लिंगानुपात सुधार और महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना है। यह कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रेरित करेगा।
बेटियों की सफलता से बदल रही तस्वीर
मंत्री ने कहा कि इस योजना के कारण हरियाणा की बेटियां आज शिक्षा, खेल, विज्ञान और कला जैसे क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां छू रही हैं। उनकी मेहनत और प्रतिभा से प्रदेश को गर्व का अनुभव हो रहा है।
योजना की शुरुआत ने बदली सोच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में पानीपत से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना की शुरुआत की थी। तब से हरियाणा ने इस अभियान को सफल बनाते हुए पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है।