चंडीगढ़,21 जनवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश के शहरी और कस्बाई कॉलोनी वासियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब शहरों और कस्बों में वर्षों पहले बसी कॉलोनियों के लिए समापन प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) लेने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। यह राहत उन कॉलोनियों को मिलेगी, जिन्हें पहले से ही आंशिक समापन प्रमाणपत्र (पार्टियल कंप्लीशन सर्टिफिकेट) जारी किया गया है।
50 साल पुराने नियमों में संशोधन
हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 50 साल पुराने हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम-1975 में संशोधन किया है। विधि और विधायी विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन (संशोधन) विधेयक को लागू कर दिया गया है।
कॉलोनी वासियों को नहीं लेनी पड़ेगी नई मंजूरी
सरकार के इस संशोधन के बाद जिन कॉलोनियों को पहले आंशिक समापन प्रमाणपत्र मिल चुका है, उन्हें अब नए सिरे से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, जिन कॉलोनियों में ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं, वहां के लिए भी यह अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह निर्णय राज्य के नगरीय विकास को गति देने और आम नागरिकों की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से कॉलोनी वासियों के समय और धन की बचत होगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी आसान बनेंगी।
विकास कार्यों में आएगी तेजी
संशोधित अधिनियम के तहत भूमि उपयोग, भवन निर्माण, और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में उचित योजना और तेजी से विकास सुनिश्चित करना है।
लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान
हरियाणा के शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में वर्षों से बसी कॉलोनियों के लिए समापन प्रमाणपत्र लेना एक बड़ी समस्या थी। इस नई नीति के तहत सरकार ने लोगों की इस परेशानी को खत्म कर दिया है।