चंडीगढ़, 19 जनवरी: हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने जानकारी दी है कि वर्ष 2021 से 2024 के बीच नूंह और गुरुग्राम-IV में कर्मचारी प्रतिकर (कंपनसेशन) अधिनियम, 1923 के तहत आयुक्तों द्वारा तय किए गए दावा आवेदनों की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (एसआईसी) का गठन किया गया है। इस समिति ने अपनी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विशेष जांच समिति का गठन:
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बताया कि सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में इस विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य इस अवधि के दौरान किए गए दावों की गहनता से जांच करना है ताकि फर्जी मुआवजा दावों की पहचान की जा सके।
फर्जी घटनाओं पर उठे सवाल:
नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों द्वारा फर्जी घटनाओं को दिखाकर बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने के कई मामले सामने आए हैं। श्रम मंत्री ने बताया कि इस संबंध में सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए इन दावों की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।
समिति की जिम्मेदारी:
यह समिति न केवल फर्जी दावों की पहचान करेगी, बल्कि दोषी व्यक्तियों और कंपनियों पर कार्रवाई के लिए भी सिफारिशें करेगी। जांच के दौरान जिन दावों को सही पाया जाएगा, उन्हें स्वीकार किया जाएगा, जबकि गलत दावों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
श्रम मंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।