Wednesday , 22 January 2025

सरकारी कोठी नहीं खाली करने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगा इतना जुर्माना, पीनल रेंट बढ़ता जा रहा

चंडीगढ़,16 जनवरी : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सरकारी आवास खाली नहीं करने का मामला सुर्खियों में है। हुड्डा को 2019 में विपक्ष का नेता होने के नाते सेक्टर-7 स्थित कोठी नंबर-70 अलॉट की गई थी। हालांकि, नई सरकार के गठन के बाद इस कोठी को 15 दिन के भीतर खाली करना अनिवार्य था। दिसंबर 2024 में सरकार द्वारा कोठी खाली करने के निर्देश दिए गए, लेकिन हुड्डा ने अतिरिक्त समय मांगा। अब तक हुड्डा पर 2 लाख रुपये से अधिक का पीनल रेंट लग चुका है।

 

कोठी खाली नहीं करने का कारण

भूपेंद्र हुड्डा को उम्मीद थी कि कांग्रेस हाईकमान उन्हें फिर से नेता प्रतिपक्ष (सीएलपी लीडर) चुनेगा। अगर ऐसा होता, तो उन्हें यह आवास रखने की अनुमति मिल जाती। हालांकि, अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इसी वजह से उन्होंने कोठी खाली नहीं की।

 

पीनल रेंट बढ़ता जाएगा

हरियाणा पीडब्ल्यूडी के नियमों के अनुसार, आवास तय समय पर खाली नहीं करने पर पीनल रेंट लगाया जाता है। पहले महीने 50 गुना, दूसरे महीने 100 गुना, और तीसरे महीने 200 गुना पीनल रेंट वसूला जाता है। चौथे महीने से यह बढ़कर 400 गुना हो सकता है।

 

पीनल रेंट माफ होने की संभावना

ऐसे मामलों में नेताओं और अधिकारियों के पीनल रेंट को माफ करने का प्रावधान भी है। यदि हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता घोषित किया जाता है, तो उन्हें यह कोठी फिर से अलॉट की जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ विधायक होने के नाते यह फैसला उनके पक्ष में लिया जा सकता है।

 

पहले भी लगे हैं पीनल रेंट के मामले

यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता पर पीनल रेंट लगाया गया हो। 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर भी ऐसा ही जुर्माना लगाया गया था। इनमें पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल सहित कई अन्य नाम शामिल हैं। हालांकि, अधिकांश मामलों में यह जुर्माना माफ कर दिया गया।

 

भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया

सरकारी कोठी खाली नहीं करने पर भाजपा नेताओं ने भूपेंद्र हुड्डा को नसीहत दी है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि हुड्डा को नैतिकता के आधार पर कोठी खाली कर देनी चाहिए। वहीं, राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने कहा कि सरकारी नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है, और उन्हें यह कोठी जल्दी खाली करनी होगी।

 

नियम क्या कहते हैं?

सरकारी आवास से जुड़े नियमों के अनुसार, नई सरकार बनने के 15 दिन के भीतर सभी पूर्व विधायकों और मंत्रियों को आवास खाली करना होता है। ऐसा न करने पर पीनल रेंट लगाया जाता है, जो हर महीने बढ़ता रहता है।

 

About webadmin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *