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महाकाल से दिल्ली तक: डॉ. मिड्ढा ने बताया कैसे भाजपा बनाएगी दिल्ली में सत्ता

अंबाला,16 जनवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने हरियाणा का सफल मॉडल अपनाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कई वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली चुनाव की कमान सौंपी है। हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णलाल मिड्ढा ने इस रणनीति का खुलासा करते हुए दावा किया है कि भाजपा इस बार दिल्ली में सत्ता पर काबिज होगी।

 

दिल्ली में हरियाणा मॉडल की रणनीति

डॉ. मिड्ढा के अनुसार, हरियाणा में भाजपा ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का इतिहास रचा, और अब वही फार्मूला दिल्ली में भी लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे नायब सिंह सैनी, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा जैसे स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर मनोहर लाल दिल्ली में रोड शो कर रहे हैं और नायब सिंह सैनी भी जल्द ही प्रचार अभियान में जुड़ने वाले हैं। मिड्ढा ने कहा कि भाजपा दिल्ली की सत्ता में लंबे समय से जारी वनवास को खत्म कर इस बार सत्ता में वापसी करेगी।

 

1993 के बाद सत्ता में वापसी की कोशिश

दिल्ली में 1993 के पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद से पार्टी कभी सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के बावजूद भाजपा इस बार अपने दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में दिल्ली चुनावी दंगल को जीतने के लिए कमर कस चुकी है।

 

मध्य प्रदेश मॉडल से हरियाणा को बनाएंगे साफ-सुथरा

डॉ. कृष्णलाल मिड्ढा ने हाल ही में मध्य प्रदेश का दौरा कर वहां के स्वच्छता मॉडल का अध्ययन किया। इंदौर और भोपाल लगातार स्वच्छता के मामले में देश के शीर्ष स्थान पर रहे हैं। मिड्ढा ने वहां कैलाश विजयवर्गीय और अन्य विधायकों से मिलकर सफाई व्यवस्था को समझा और उसे हरियाणा में लागू करने की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा को भी स्वच्छता में पहले स्थान पर लाना उनका लक्ष्य है।

 

महाकाल के शहर में रात्रि विश्राम की अनुमति कैसे मिली?

मध्य प्रदेश दौरे के दौरान डॉ. मिड्ढा ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए। खास बात यह रही कि उन्हें महाकाल मंदिर परिसर में रात्रि विश्राम की अनुमति मिली, जो सामान्यतः किसी को नहीं दी जाती। इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने विशेष रूप से पत्र लिखकर भक्त के रूप में अनुमति मांगी थी। उनके मुताबिक, शिव की उपासना में यह अनुभव उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पलों में से एक रहा।

 

भाजपा के लिए चुनौती और उम्मीदें

आम आदमी पार्टी के मजबूत गढ़ और कांग्रेस की पारंपरिक पकड़ के बीच भाजपा की यह नई रणनीति कितना असर दिखा पाएगी, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। लेकिन हरियाणा के दिग्गज नेताओं की तैनाती से यह साफ है कि भाजपा इस बार कोई कसर नहीं छोड़ रही।

 

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