कुरुक्षेत्र, 12 जनवरी – हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा है कि भारत को विश्व गुरु बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कारक शिक्षक हैं। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित एक विशेष संगोष्ठी में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 को सफलतापूर्वक लागू करने में शिक्षकों की भूमिका को निर्णायक बताया।
शिक्षा में नई क्रांति का सूत्रपात
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में “भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य होगा, जो 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूर्ण रूप से लागू करेगा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इस नीति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों को विशेष जिम्मेदारी निभानी होगी।
ढांडा ने घोषणा की कि स्वामी विवेकानंद की जयंती से शिक्षा में एक नई क्रांति का शुभारंभ किया गया है। इस क्रांति की शुरुआत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ-साथ हरियाणा के तीन अन्य जिलों से हुई है।
शिक्षकों की कमी होगी दूर
शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि 1 अप्रैल 2025 से हरियाणा के किसी भी स्कूल में शिक्षक की कमी नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों को शिक्षकों के रेशनलाइजेशन के निर्देश दिए हैं ताकि हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हों। साथ ही, सभी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर बनाने की पहल
मंत्री ने कहा कि शिक्षा नीति की खामियों को दूर करने के लिए आम नागरिकों, शिक्षकों और विभिन्न वर्गों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इन सुझावों को अमल में लाकर 2025 तक एनईपी-2020 को पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को इस नीति के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए बधाई दी।
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर बल
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब देश की भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़ा जाएगा, तो भारत 2047 तक विश्व गुरु बनेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर इस दिशा में नई ऊर्जा का संचार किया।