पंचकूला: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पुलिस विभाग की अहम बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य में अपराध नियंत्रण और अवैध प्रवासियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में डीजीपी, होम सेक्रेटरी, एडीजीपी सहित सभी रेंज के आईजी मौजूद थे। सीएम ने कहा कि अवैध प्रवासियों को लेकर बजट सत्र में कानून लाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को हरियाणा से बाहर निकालने के लिए योजना बनाई जा रही है। इनकी पहचान कर सूची तैयार की जाएगी और इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अपराध नियंत्रण में हरियाणा पुलिस की सराहना
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में अपराध दर में कमी आई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और साइबर अपराध में भी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त अभियान के तहत 3350 गांव और 876 वार्ड को नशा मुक्त किया गया है। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए साल 2025 तक 70% गांव को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा, “हरियाणा पुलिस को अपराध रोकने के लिए फ्री हैंड दिया गया है। नशे के कारोबार में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
डायल 112 की सेवा को और बेहतर बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने डायल 112 सेवा के रिस्पांस टाइम को घटाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इसका रिस्पांस टाइम 6 मिनट 30 सेकंड है, जिसे और कम किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर होगी कार्रवाई
सीएम ने कहा कि विदेशों में रहकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा पुलिस को इस दिशा में सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
पुलिसकर्मियों को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाही बरतने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर सख्ती
सीएम ने कहा कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि इनकी सूची तैयार कर सरकार को सौंपी जाए।
मुख्यमंत्री सैनी के इन बयानों से स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार अपराध और अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन योजनाओं को जमीन पर कितना प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।