अंबाला, 31 दिसंबर: हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा की संगठनात्मक ताकत को रेखांकित किया। उन्होंने राहुल गांधी की वियतनाम यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी नववर्ष का जश्न मनाने वियतनाम चले गए।
भाजपा की संगठनात्मक ताकत
अनिल विज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां हर छह साल बाद सदस्यता अभियान और हर तीन साल में आंतरिक चुनाव होते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया भाजपा को अन्य दलों से अलग बनाती है।
कांग्रेस पर तीखा हमला
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा, “कांग्रेस का अभी तक कोई ढांचा नहीं बना है। यह ढांचाविहीन पार्टी बन चुकी है। अन्य पार्टियों में पद ऊपर से तय होते हैं, जबकि भाजपा में कार्यकर्ता नीचे से ऊपर तक बढ़ते हैं। गांधी-नेहरू परिवार से ही कांग्रेस में शीर्ष पद पर कोई होगा। उनके लिए पद बांटना ऐसा है जैसे कोई एजेंसियां पद बांट रही हों।”
मनमोहन सिंह के सम्मान पर सवाल
विज ने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में उचित सम्मान न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस मनमोहन सिंह जी के निधन को राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहती थी। वे बार-बार उनका स्मारक बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन उनके लिए यह केवल भाजपा को घेरने का मौका था। मनमोहन सिंह जी के रहते कांग्रेस ने उन्हें कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे।”
राहुल गांधी पर तीखी टिप्पणी
राहुल गांधी की वियतनाम यात्रा पर विज ने कहा, “यह वही राहुल गांधी हैं, जिन्होंने संसद में मनमोहन सिंह जी के प्रस्ताव को फाड़ दिया था। अब, जब पूरा देश शोक में है, वह विदेश में जश्न मना रहे हैं। यह उनकी श्रद्धा और प्राथमिकताओं को दिखाता है।”
सोनिया गांधी की चिट्ठी पर प्रतिक्रिया
सोनिया गांधी द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर, जिसमें उन्होंने गांधी विरासत के खतरे में होने की बात कही, विज ने कहा, “अगर कोई मुद्दा है, तो उस पर स्पष्ट रूप से बात करें। इस तरह की चिट्ठियां केवल राजनीतिक नाटक का हिस्सा हैं।”
हरियाणा की राजनीति पर बयान
विज ने हरियाणा में भाजपा की स्थिति को मजबूत बताते हुए कहा कि कांग्रेस और अन्य दल अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। हाल ही में हुए चुनावों ने यह साबित कर दिया है कि विपक्षी पार्टियां जनता का विश्वास खो चुकी हैं।