अमृतसर के 17 वर्षीय करनबीर सिंह उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। करनबीर सिंह सिंह (17) को प्रतिष्ठत संजय चोपड़ा अवार्ड दिया जा रहा है।
करनबीर ने पुल तोड़कर नाले में जा गिरी स्कूली बस में फंसे 15 बच्चों की जान बचाई थी। करणबीर खुद भी इसी बस में था और वह घायल हो चुका था लेकिन उसने दूसरे बच्चों को पानी से भरी बस से निकलने में मदद की।
जुए और सट्टेबाजी का अवैध धंधा करने वालों को पकडऩे में उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद करने वाली राज्य की 18 वर्षीय नाजिया उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। धमकियों के बावजूद बदमाशों से संघर्ष करने और दशकों के आतंक एवं शोषण का खात्मा करने वाली नाजिया को सबसे प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
मेघालय के बेत्शवाजॉन पीनलांग (14) , ओडि़शा की ममता दलाई (7) और केरल के सेब्सटियन विसेंट (13) को बापू गैधानी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पीनलांग ने अपने तीन साल के भाई को जल रहे घर से निकाला था, ममता ने अपने दोस्त को मगरमच्छ के जबड़े से बचाया।
पुरस्कार के चुने गए अन्य बच्चे रायपुर की लक्ष्मी यादव (16), नगालैंड से मानसा एन (13), एन शांगपोन कोनयक (18), योकनी (18), चिंगाई वांगसा (18), गुजरात के समृद्धि सुशील शर्मा (17), मिजोरम से जोनुनलुआंगा (16), उत्तराखंड के पंकज सेमवाल (16), महाराष्ट्र के नदाफ एजाज अब्दुल राउफ (17) और ओडि़शा के पंकज कुमार महंत हैं।