Thursday , 26 December 2024

हरियाणा में मां-बेटी ने दिखाया दम, एक चलाएगी जहाज, दूसरी दौड़ा रही बस

चरखी दादरी। हरियाणा के दादरी के छोटे से गांव कादमा की बेटी जयैनिथ गहलावत ने वो कर दिखाया है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। 107 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई का परिवार तीन पीढ़ियों से महिलाओं के सशक्तीकरण और खेलों में अपनी छाप छोड़ता आ रहा है। इस परिवार की नई पीढ़ी की प्रतिनिधि जयैनिथ गहलावत जल्द ही हवाई जहाज उड़ाने की दिशा में एक बड़ा मुकाम हासिल करने वाली हैं।

महिला सशक्तीकरण की अनूठी मिसाल

जयैनिथ गहलावत की मां शर्मिला गहलावत दिल्ली में डीटीसी बस चला रही हैं। शर्मिला ने खेलों में 200 से अधिक मेडल जीतकर न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनकी मेहनत और संघर्ष ने बेटी जयैनिथ को प्रेरित किया। जयैनिथ ने बीएससी साइंस की पढ़ाई राजस्थान के वनस्थली विश्वविद्यालय से की और अब एमबीए के साथ-साथ पायलट बनने का प्रशिक्षण ले रही हैं।

प्रेरणा का श्रोत – नानी रामबाई

जयैनिथ की नानी, रामबाई, जिन्होंने 104 वर्ष की उम्र में एथलेटिक्स में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक पदक जीते, अपने आप में एक जीवंत उदाहरण हैं। उनका संघर्ष और उपलब्धियां इस परिवार की महिलाओं को नए मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं।

हवाई जहाज उड़ाने का सपना

जयैनिथ अब तक 138 घंटे की उड़ान पूरी कर चुकी हैं। उन्हें प्रशिक्षण पूरा करने के लिए कुल 200 घंटे उड़ान भरनी है। इसके बाद वह किसी एयरलाइंस में पायलट या फ्लाइट इंस्ट्रक्टर के रूप में नियुक्त हो जाएंगी। उनका यह सफर पूरे परिवार के लिए गर्व का विषय है।

तीन पीढ़ियां खेलों में अग्रसर

रामबाई, उनके बेटे, बहू, बेटी और नातिन – इस परिवार की तीन पीढ़ियां खेलों में सक्रिय हैं। अब जयैनिथ हवाई जहाज उड़ाकर इस परंपरा को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार हैं।

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