चंडीगढ़, 25 दिसंबर: हरियाणा सरकार ने स्वच्छता और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कचरे से बिजली बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। योजना के तहत, राज्य के प्रत्येक जिले में आधुनिक संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जो कचरे को ऊर्जा में बदलने का काम करेंगे। यह पहल राज्य को स्वच्छ और ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
यह निर्णय हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में आयोजित नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
सौर ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने फैसला किया है कि राज्य की सभी सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए सभी विभागों को अपनी इमारतों की जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, हर जिले में सोलर पावर हाउस बनाए जाएंगे, जिनके माध्यम से दिन में सौर ऊर्जा का संचय किया जाएगा और शाम के समय स्ट्रीट लाइट्स को संचालित किया जाएगा।
किसानों के लिए सौर ऊर्जा पायलट प्रोजेक्ट
किसानों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने हेतु, किसी एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत, किसानों को सोलर पैनल के जरिए बिजली आपूर्ति की जाएगी। यह कदम किसानों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को भी कम करेगा।
ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का सख्त पालन अनिवार्य
बैठक में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया। अधिनियम के तहत राज्य के उद्योगों, भवनों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को ऊर्जा बचत उपाय अपनाने होंगे। इसके उल्लंघन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
डिस्कॉम्स को निगरानी के निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने डिस्कॉम्स को निर्देश दिया कि वे अधिनियम के प्रावधानों के पालन की सख्त निगरानी करें और नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा को स्वच्छ और ऊर्जा कुशल बनाने के लिए यह कदम अनिवार्य है।
इस बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक एस. नारायणन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
हरित भविष्य की ओर बढ़ता हरियाणा
हरियाणा सरकार का यह प्रयास स्वच्छता, ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में एक नई मिसाल कायम करेगा। कचरे से बिजली बनाने और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।