सिरसा। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 89 वर्षीय चौटाला का अंतिम संस्कार 21 दिसंबर को सिरसा जिले के तेजा खेड़ा स्थित उनके फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी।
समर्थकों की अंतिम विदाई
चौटाला की अंतिम यात्रा के दौरान उनके समर्थकों ने फूल बरसाए और ‘ओपी चौटाला अमर रहें’ के नारे लगाए। उनके समाधि स्थल को 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को तिरंगे में लपेटा गया और उन्हें उनकी पहचान हरी पगड़ी और चश्मा पहनाया गया।
राजनीतिक हस्तियों की श्रद्धांजलि
उनकी अंतिम विदाई से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। चौटाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भी शोक व्यक्त करते हुए हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को याद किया।
चौटाला परिवार एकजुट
अंतिम संस्कार के मौके पर चौटाला परिवार की राजनीतिक विभाजन की दीवारें भी गिर गईं। अजय चौटाला, अभय चौटाला और उनके भाई रणजीत चौटाला एक साथ मौजूद रहे। उनके छोटे बेटे अभय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पिताजी का निधन केवल हमारे परिवार की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की क्षति है, जिनके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया।”
चौटाला का जीवन संघर्ष और विवाद
ओपी चौटाला का जीवन संघर्ष और विवादों से भरा रहा। मुख्यमंत्री रहते हुए वे शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पाए गए और अपने बेटे अजय चौटाला के साथ 10 साल की सजा काटी। तिहाड़ जेल में रहते हुए उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। उनके इस संघर्ष पर ‘दसवीं’ नामक फिल्म भी बनाई गई, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया।
हरियाणा के लौहपुरुष
ओपी चौटाला को हरियाणा की राजनीति में एक मजबूत नेतृत्व के रूप में याद किया जाएगा। उनके पोते और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उन्हें ‘लौहपुरुष’ बताते हुए उनके आदर्शों को हमेशा जीवित रखने का वादा किया।
हरियाणा सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनकी स्मृति में समर्थक और राजनीतिक वर्ग हमेशा उनके योगदान को याद करेंगे।