चंडीगढ़, 21 दिसंबर: हरियाणा सरकार ने राज्य में भू-जल संकट का समाधान करने और मानसून के दौरान जल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी ने बताया कि राज्य के प्रत्येक भू-जल कमी वाले ब्लॉक में कम से कम पांच जलाशयों का विकास किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बारिश के पानी का अधिकतम उपयोग करना और पानी की कमी की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करना है।
जलाशयों के विकास के लिए होगी पंचायत भूमि की पहचान
श्रीमती चौधरी ने इस योजना के तहत प्रशासनिक सचिवों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक हेक्टेयर पंचायत भूमि की पहचान कर जलाशयों का निर्माण किया जाएगा।
मानसून जल का प्रभावी उपयोग
सिंचाई मंत्री ने मानसून के दौरान मारकंडा, टांगरी, घग्गर और यमुना जैसी प्रमुख नदियों से अतिरिक्त जल का संरक्षण करने के लिए एक तकनीकी रूप से व्यवहार्य योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह जल सतत विकास और कृषि जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोगी साबित होगा।
चैनलों का पुनर्वास और दो वर्षीय कार्य योजना
श्रीमती चौधरी ने राज्य के सिंचाई नेटवर्क का पुनर्वास करने के निर्देश दिए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से सभी चैनलों का निरीक्षण करने और दो वर्षीय चरणबद्ध कार्य योजना तैयार करने को कहा। यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों में सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करेगी जो सिंचाई नेटवर्क के अंतिम छोर पर स्थित हैं।
वित्तीय संसाधनों का उपयोग
इन पहलों को वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार नियमित बजट के साथ-साथ नाबार्ड, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसे अन्य वित्तपोषण विकल्पों की संभावनाओं को भी तलाशेगी।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस पहल की समीक्षा के लिए आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।